गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र से Breaking News सामने आई है, जहां सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया है। मैनपुर ब्लॉक के डडाईपानी जंगल में Security Forces ने नक्सलियों द्वारा डंप किए गए भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए हैं। यह विस्फोटक सुरक्षा जवानों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से जंगल में छिपाकर रखा गया था। पूरे मामले की पुष्टि खुद गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने की है।
जंगल में छिपी थी बड़ी साजिश
पुलिस को बीते कुछ दिनों से
Intelligence Input
मिल रहा था कि मैनपुर इलाके के घने जंगलों में नक्सली किसी बड़ी वारदात की तैयारी कर रहे हैं। इसी इनपुट के आधार पर जिला पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने
Anti-Naxal Operation
चलाया। यह सर्च ऑपरेशन डडाईपानी के दुर्गम और पहाड़ी जंगल क्षेत्र में चलाया गया, जहां पहले भी नक्सली गतिविधियों के संकेत मिलते रहे हैं।
सुरक्षा बल जब जंगल के अंदर गहराई तक पहुंचे, तो उन्हें जमीन के भीतर और झाड़ियों के बीच संदिग्ध सामग्री छिपी हुई मिली। जब तलाशी को और गहन किया गया, तो वहां से बड़ी मात्रा में
Explosives Cache
बरामद हुआ।
क्या-क्या हुआ बरामद
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जप्त सामग्री में भरमार बंदूक (Country-made Gun), डेटोनेटर, मोर्टार सेल, वायर, बैटरी और अन्य विस्फोटक उपकरण शामिल हैं। ये सभी सामग्री इस बात की ओर इशारा करती हैं कि नक्सली किसी बड़े
IED Blast
या घातक हमले की योजना बना रहे थे।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह के विस्फोटक आमतौर पर
Ambush Planning
के तहत इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि सुरक्षा बलों की गश्त या ऑपरेशन के दौरान उन्हें निशाना बनाया जा सके। अगर यह विस्फोटक समय रहते बरामद नहीं होते, तो किसी बड़ी जानलेवा घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था।
पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने की थी मंशा
एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया है कि नक्सलियों ने यह विस्फोटक
Police Targeting
के उद्देश्य से डंप किया था। मैनपुर क्षेत्र में लगातार चल रहे सर्च ऑपरेशन और बढ़ती पुलिस मौजूदगी से नक्सली बौखलाए हुए हैं। इसी वजह से उन्होंने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले से विस्फोटक भंडारण कर रखा था।
उन्होंने कहा कि, “यह बरामदगी सुरक्षा बलों की सतर्कता और प्रोफेशनल
Counter Insurgency Strategy
का नतीजा है। अगर यह विस्फोटक सक्रिय अवस्था में होते, तो बड़ा नुकसान हो सकता था।”
मैनपुर: नक्सल प्रभावित इलाका
गरियाबंद का मैनपुर इलाका लंबे समय से
Naxal Affected Zone
माना जाता है। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर से लगे इस क्षेत्र में घने जंगल, दुर्गम पहाड़ियां और सीमित सड़क संपर्क नक्सलियों को छिपने और गतिविधियां संचालित करने में मदद करता है। इसी वजह से यहां समय-समय पर
Search Operation
,
Area Domination Exercise
और संयुक्त अभियान चलाए जाते हैं।
पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने मैनपुर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, जिससे नक्सलियों पर दबाव बना है। जानकारों का मानना है कि इसी दबाव के चलते नक्सली हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में थे।
इलाके में अलर्ट, सर्च ऑपरेशन तेज
इस बरामदगी के बाद पूरे इलाके में
High Alert
जारी कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने आसपास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी विस्फोटक या हथियार तो नहीं छिपाए गए हैं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस विस्फोटक डंप के पीछे कौन सा नक्सली दल सक्रिय था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ संदिग्ध
Naxal Movement
के संकेत भी मिले हैं, जिसके आधार पर आने वाले दिनों में और बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
बड़ी घटना टली, सुरक्षा बलों की सतर्कता
इस पूरे मामले को
Major Security Success
माना जा रहा है। अगर समय रहते यह विस्फोटक बरामद नहीं होते, तो किसी भी वक्त सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला हो सकता था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।
एसपी निखिल राखेचा ने स्पष्ट किया कि गरियाबंद पुलिस नक्सलियों की हर साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर जंगल या आसपास के इलाकों में किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि
Security Vigilance
और सही समय पर की गई कार्रवाई से नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सकता है।