Mathura Yamuna Expressway Fire Accident LIVE Video Update | UP Fog Tragedy: तारीख : 16 दिसंबर, दिन: मंगलवार। समय : तड़के 3.33 बजे। मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं (Mathura accident, Yamuna Expressway crash, fog collision)। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई (vehicle fire, massive crash)।
अब तक 13 की मौत हो चुकी है, 66 घायल हैं (fatal accident, injured passengers)। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर होते ही बम जैसा धमाका हुआ (blast-like sound)। बसों में लोग चीखते रहे। कई शीशा तोड़कर खिड़की से कूदे। रेस्क्यू घंटेभर बाद शुरू हुआ (delayed rescue, emergency response)।
Mathura Yamuna Expressway Fire Accident LIVE Video Update | UP Fog Tragedy: हमारी टीम मौके पर पहुंची तो बसें जल रही थीं (ground report, accident site)। हादसे में जिंदा बची लड़की ने बताया- अगर पुलिस और दमकल टाइम पर पहुंचते तो कई लोगों की जानें बच जातीं (late fire brigade, rescue delay), मैं जिस बस में थी, उसमें 8 से 9 लोग मर गए हैं (burnt alive victims)।
4 पॉइंट में समझिए, कैसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation, emergency services)
करीब 4 बजे राहगीर ने पुलिस को सूचना दी (first alert, police intimation)। 10 मिनट के अंदर बलदेव थाने की पुलिस पहुंची। तब तक ग्रामीण पहुंच गए थे (local help, villagers support)।
4.30 बजे फायर ब्रिगेड टीम आई (fire brigade arrival)। भीषण आग को देखते हुए मथुरा, रिफाइनरी और हाथरस से फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियां बुलाई गईं (multi-district response, fire engines)।
एक-एक करके 14 एम्बुलेंस भी पहुंचीं (ambulance services, medical emergency)। दमकल ने एक घंटे में आग पर काबू पाया (fire control operation)। इसके बाद बसों के अंदर रेस्क्यू शुरू हुआ। फायर ब्रिगेड, एक्सप्रेस-वे कर्मचारी, मथुरा के 9 थानों की पुलिस, मेडिकल स्टाफ के करीब 50 लोग लगाए गए (joint rescue team, disaster management)।
घायलों को वृंदावन के जिला संयुक्त अस्पताल, मथुरा जिला अस्पताल और आगरा के SRN मेडिकल कॉलेज भेजा गया (hospital referral, critical treatment)। टीम बसों के अंदर गई तो जली हुई डेडबॉडी पड़ी थीं (burnt bodies, horrifying scene)। इन्हें 17 बैग में भरकर मथुरा के पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा। 4.30 से शुरू हुआ रेस्क्यू 10.30 बजे खत्म हुआ (long rescue hours)।
पुलिस के मुताबिक, डेडबॉडी क्षत-विक्षत हो चुकी थीं (mutilated bodies)। ऐसे में शवों की शिनाख्त के लिए DNA टेस्ट कराया जाएगा (DNA identification, forensic process)। हालांकि, शवों को पहचान के लिए 72 घंटे मोर्चरी में रखा जाएगा। 2 टीम पोस्टमॉर्टम करेंगी (postmortem procedure)।
अब चश्मदीदों की बात पढ़िए (eyewitness account)
गांव वाले बोले- 20 एम्बुलेंस से 150 लोगों को भेजा गया
हादसे के स्पॉट से पास के गांव के रहने वाले भगवान दास ने बताया- जब हादसा हुआ तो कोहरा कम था (fog condition)। गाड़ियां आपस में टकराईं तो ऐसा लगा, जैसे बम फटा हो (huge explosion sound)।
तेज धमाका हुआ। पूरा गांव आनन-फानन में यहां भागकर आ गया (villagers rushed)। सभी लोग मदद में जुट गए। करीब 20 एम्बुलेंस से 100-150 लोगों को ले हॉस्पिटल ले जाया गया (mass evacuation)। दो-तीन कार और 6 बसें जली हैं (burnt vehicles)।
सुनील बोले- कार में आवाज आई तो गाड़ी रोकी, पीछे से कई बसें भिड़ गईं
चश्मदीद सुनील कुमार यादव ने बताया- हम लोग मंत्री गिरीश चंद्र यादव के पिता की तेरहवीं आयोजन में शामिल होने जौनपुर गए थे, वहां से वापस दिल्ली जा रहे थे (Delhi bound journey)। हाईवे पर अंधेरा बहुत ज्यादा था (low visibility)।
अचानक गाड़ी की आवाज सुनाई देने लगी, हम लोगों ने गाड़ी रोक दी और गेट खोलकर नीचे उतर गए (sudden noise)। पीछे से बसें एक-एक करके टकराने लगीं (chain collision)। मौके पर चीख-पुकार मच गई। कोई बस से उतरने की जद्दोजहद कर रहा था, तो कोई शीशा तोड़कर कूद रहा था (panic situation)।
महिला बोली- झटका लगा, फिर गाड़ियों में आग लग गई
हादसे की चश्मदीद महिला ने बताया- पहले अचानक तेज झटका लगा और देखते ही देखते गाड़ियों में आग लग गई (sudden impact, fire outbreak)। टक्कर के बाद अफरा-तफरी मच गई, लोग चीख-पुकार करने लगे और कुछ ही पलों में बसों और कारों से धुआं और आग की लपटें उठने लगीं (smoke and flames)। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत मदद शुरू की (local rescue effort)।
सफारी सवार युवक बोला- अयोध्या से दिल्ली जा रहे थे
सफारी कार सवार एक युवक ने बताया- मैं अयोध्या से दिल्ली जा रहा था (Ayodhya to Delhi route)। गाड़ी में सभी लोग सो रहे थे। अचानक जोरदार झटका लगा और कार टकरा गई (high impact crash)। तब हमें पता चला कि एक्सीडेंट हो गया है।
सिलेंडर ब्लास्ट जैसे धमाके हो रहे थे, लोग भागते-दौड़ते दिखे
लखनऊ से दिल्ली जा रहे प्रशांत सिंह ने बताया- सुबह करीब 4 बजे हम लोग आगरा से आगे निकले (early morning travel)। अचानक बस रुकी, लोग चिल्लाने लगे (panic inside bus)। बस का दरवाजा फंस गया था तो उसे धक्का देकर खोला।
महिलाओं और बच्चों की मदद की। नीचे आकर देखा तो आगे कई बसें थीं
(multiple buses involved)। कुछ में आग लगी थी। अचानक धमाके होने लगे, जैसे- सिलेंडर फट रहे हों (explosion-like sound)। कई यात्रियों के मोबाइल, लैपटॉप भी बस में जल गए हैं (loss of belongings)। उस मंजर को याद करते ही डर सा लगता है।
रेस्क्यू में लगे युवक ने बताया- 8-9 लाशें निकाल चुके
मौके पर प्रशासन की मदद कर रहे योगेंद्र ने बताया- रोज रनिंग के लिए आते हैं। आज आए तो हाहाकार मचा हुआ था (chaotic scene), इसलिए प्रशासन की मदद में जुट गए। अब तक 8-9 लाशें निकाल चुके हैं (dead bodies recovered)। जिन्हें हमने गाड़ियों से बाहर निकाला, वो सब बुरी तरह जले हुए थे (severely burnt victims)।
हादसे को याद करके सहम जा रहे चश्मदीद, बोले- कभी नहीं भूल पाएंगे
बस से दिल्ली जा रही महिमा पांडे ने बताया- सबसे पहले अर्टिगा कार की टक्कर हुई (initial collision)। इसके बाद बसें एक-दूसरे से टकरा गईं। मेरी बस में तीन बार टक्कर लगी। फिर आग लग गई (multiple impacts)। मेरा पूरा सामान जलकर राख हो गया। इस डराने वाले हादसे को कभी नहीं भूल पाऊंगी (traumatic experience)।