CBI ने 2.36 करोड़ कैश किए जब्त : रक्षा मंत्रालय में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल रिश्वत लेते गिरफ्तार, बेंगलुरु की कंपनी से की थी डिमांड
MP CG Times / Sun, Dec 21, 2025
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय में तैनात एक आर्मी अधिकारी को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा, जो उत्पादन विभाग में पदस्थ हैं, पर बेंगलुरु की एक निजी कंपनी से ₹3 लाख की रिश्वत लेने का आरोप है।
CBI ने कार्रवाई के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के घर से ₹2.36 करोड़ नकद बरामद किए हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। काजल बाली वर्तमान में डिवीजन ऑर्डिनेंस यूनिट (DOU), श्रीगंगानगर में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। तलाशी के दौरान उनके घर से ₹10 लाख नकद बरामद हुए हैं।

बिचौलिया भी गिरफ्तार, 23 दिसंबर तक CBI हिरासत
इस मामले में बिचौलिया विनोद कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। CBI ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 23 दिसंबर तक CBI की हिरासत में भेज दिया गया है।
CBI के अनुसार, यह मामला 19 दिसंबर को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा पर रक्षा उत्पादों के निर्माण और निर्यात से जुड़ी निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है।
बेंगलुरु की कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप
CBI को जानकारी मिली थी कि बेंगलुरु की एक कंपनी के प्रतिनिधि राजीव यादव और रवजीत सिंह लगातार लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के संपर्क में थे। आरोप है कि ये लोग विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अवैध लाभ दिलाने की कोशिश कर रहे थे।
जांच एजेंसी के मुताबिक, बिचौलिया विनोद कुमार ने 18 दिसंबर को कंपनी के इशारे पर शर्मा को ₹3 लाख की रिश्वत सौंपी थी। CBI का दावा है कि संबंधित कंपनी दुबई स्थित है, जिसका संचालन भारत में राजीव यादव और रवजीत सिंह देख रहे थे।
कई शहरों में छापेमारी, भारी मात्रा में नकदी बरामद
सूचना मिलने के बाद CBI ने दिल्ली, श्रीगंगानगर, बेंगलुरु और जम्मू समेत कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। दिल्ली स्थित शर्मा के आवास से ₹2.23 करोड़ नकद, ₹3 लाख रिश्वत की रकम और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
रक्षा मंत्रालय का बयान
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि यह कार्रवाई भारत सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। सेना के अधिकारी की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रवैया अपनाए हुए है।
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