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: होटल में नकली नोटों की मिली फैक्ट्री: MP में शाहिद कपूर की फिल्म 'फर्जी' से आया आइडिया, फेसबुक पर बनाया गैंग

MP Indore Hotel Fake currency factory: एमपी के इंदौर के एक होटल के कमरे में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक नकली नोटों की फैक्ट्री चला रहे थे। इसका खुलासा तब हुआ जब होटल स्टाफ को शक हुआ और उसने मास्टर चाबी से कमरा खोला। वहां जो नजारा दिखा, वह हैरान करने वाला था। कमरे में प्रिंटर, लेमिनेटर, कंप्यूटर और लाखों के नकली नोट बिखरे पड़े थे। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया। छिंदवाड़ा निवासी अब्दुल शोएब उर्फ ​​छोटू (25) आर्ट एंड डिजाइन में ग्रेजुएट है। वह लंबे समय से बेरोजगार था। उसके पिता पर काफी कर्ज था। उसने नकली नोटों से जुड़े ऑनलाइन ग्रुप सर्च करना शुरू किया और यहीं उसकी मुलाकात द्वारका (गुजरात) निवासी मयूर चंपा (25) से हुई, जिसने 'फर्जी' फिल्म देखने के बाद नकली नोट छापने का विचार बनाया था। मयूर ने शोएब को एक खास सॉफ्टवेयर मुहैया कराया, जिससे असली नोट की हूबहू नकल तैयार की जा सकती थी। यह वॉटरमार्क, सीरियल नंबर और यहां तक ​​कि रंगों से भी मेल खाता था। सोशल मीडिया के जरिए बेरोजगार दोस्तों को जोड़ा शोएब ने ऋष खान (32), प्रफुल्ल कोरी (19) जैसे दोस्तों को जोड़ा, जो या तो छोटी-मोटी नौकरी करते थे या फिर पूरी तरह बेरोजगार थे। बाद में भोपाल के आकाश घारू (30) और मेडिकल स्टोर संचालक शंकर चौरसिया (42) भी इस रैकेट में शामिल हो गए। पूरा नेटवर्क फेसबुक के जरिए जुड़ा था। सॉफ्टवेयर, हाई क्वालिटी प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, बटर पेपर, कटिंग टूल्स और अन्य उपकरण खरीदे गए। जल्दी अमीर बनना चाहते थे डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया- 13 अप्रैल को सूचना मिली थी कि इंदौर के अनुराग नगर स्थित होटल इंटरनिटी में तीन युवक नकली नोट छाप रहे हैं। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए होटल के कमरा नंबर 301 में छापा मारा। यहां से अब्दुल शोएब, ऋष खान और प्रफुल्ल कुमार कोरी को गिरफ्तार किया गया। कमरे की तलाशी के दौरान उनके बैग से 500-500 रुपए के 100 नकली नोट और नोट छापने के उपकरण बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जल्दी अमीर बनने की नीयत से उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से नकली नोट छापने के लिए एक होटल में ठिकाना बनाया था। उन्होंने अपने अन्य साथियों के जरिए इन नोटों को बाजार में चलाने की योजना बनाई थी। मामला दर्ज कर तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। भोपाल के युवकों पर थी नोट सप्लाई करने की जिम्मेदारी आरोपियों ने बताया कि उनके दो साथी भोपाल में नकली नोट सप्लाई कर रहे थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम भोपाल पहुंची। वहां से आकाश घारू और शंकर चौरसिया को 3 लाख 85 हजार रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। उन्होंने कबूला कि वे फेसबुक के जरिए नोट छापने वाले छिंदवाड़ा गिरोह के संपर्क में आए थे। छिंदवाड़ा गिरोह नोट छापने का काम करता था, जबकि भोपाल गिरोह नोटों को बाजार में चलाने की जिम्मेदारी संभालता था। इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अब्दुल शोएब है। क्राइम ब्रांच ने 15 अप्रैल को पूरी घटना का खुलासा किया था और 17 अप्रैल को छठे आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही गिरोह की परतें पूरी तरह खुल गई थीं। द्वारका से सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट गिरफ्तार क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के छठे आरोपी मयूर चंपा को द्वारका से गिरफ्तार किया है। डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया- मयूर चंपा ही वो शख्स है जिसने इस गिरोह के लिए सॉफ्टवेयर का इंतजाम किया था। जिससे वो नकली नोट छाप रहे थे। त्रिपाठी ने बताया कि मयूर को नकली नोट छापने का आइडिया बॉलीवुड की फिल्म 'फर्जी' देखने के बाद आया था। जिसके बाद उसने एक खास सॉफ्टवेयर तैयार करवाया। इस सॉफ्टवेयर की खासियत ये थी कि इसके जरिए असली नोट के साइज के नकली नोट बनाए जा सकते थे। इनके नंबर भी बदले जा सकते थे। ये सॉफ्टवेयर नोटों में वॉटरमार्क भी बना सकता था। सॉफ्टवेयर फोटोशॉप से ​​जुड़ा बताया जा रहा है और इसकी जांच अभी जारी है। 'मास्टर की' ने खोला नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री का राज डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी होटल के दो कमरों में नकली नोट छाप रहे थे। होटल स्टाफ के एक सदस्य को शक हुआ। जब आरोपी कमरे में नहीं थे, तो उसने मास्टर चाबी से कमरे का ताला खोला। उसने वीडियो बनाकर क्राइम ब्रांच को भेजा। जिस पर टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी त्रिपाठी ने बताया कि अगर क्राइम ब्रांच समय रहते कार्रवाई नहीं करती तो यह गिरोह बड़े पैमाने पर बाजार में नकली नोट चला देता। 4.35 लाख रुपये के नकली नोट और उपकरण बरामद आरोपियों के कब्जे से 4 लाख 35 हजार रुपये (500 रुपये के 870) के नकली नोट, बटर पेपर, प्रिंटर, लकड़ी का फ्रेम, कटिंग मशीन, लेमिनेशन बंडल, सील, लैपटॉप, मोबाइल, लेमिनेटर और एटीएम कार्ड जब्त किए गए हैं। Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

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