: Danteshwari Temple: दंतेश्वरी मंदिर परिसर में बनेगा मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योति कलश भवन
दंतेवाड़ा। दंतेश्वरी मंदिर का ज्योति कलश भवन श्रद्धालुओं को प्राचीन के साथ नवीन दंतेवाड़ा का एहसास कराएगा। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में जिले में ज्योतिकलश भवन का निर्माण किया जाएगा। चंदखुरी की तर्ज पर भवन का निर्माण कर दंतेश्वरी माई के मंदिर की भव्यता वृहद स्तर पर साकार होगी।
स्तंभ अलंकरण, गेट डिजाइन जैसे विभिन्न तत्व मुख्य रूप से मां दंतेश्वरी मंदिर से प्रेरित हैं। नवनिर्मित ज्योति कलश भवन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे दंतेश्वरी मां का दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब माता के दर्शन के साथ ही उनकी महिमा को भी जान सकेंगे। नव ज्योतिकलश भवन की दीवारें यहां आने वाले श्रद्धालुओं को माता की कहानी बताएंगी।
पौराणिक कथाओं, जिया बाबा व सेवादारों द्वारा बताई गई जानकारियां दीवारों पर उकेरी जाएंगी। मां दंतेश्वरी मंदिर की वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने के लिए सामग्री के रूप लाल बलुआ पत्थर का उपयोग भवन निर्मित करने के लिए किया जाएगा। तलघर में पूजा व हवन सामग्री को व्यवस्थित व सहेज कर रखने भंडार गृह का निर्माण किया जा रहा है। भूतल में यज्ञशाला का निर्माण किया जा रहा है।
इस यज्ञशाला में नौ ग्रह के स्थान को ध्यान में रखते हुए उस ग्रह के हवन कुंड का निर्माण पुराणों में उल्लेखित रूप के आधार पर निर्माण किया जा रहा है। प्रशासनिक भवन का निर्माण भी भूतल में किया जा रहा है जिसमें ज्योति कलश स्थापना से संबंधित कार्यों का संचालन किया जाएगा। उस भवन में पुजारी व कर्मचारी वर्ग के लिए प्रसाधन की सुविधा व प्रशासनिक भवन में सहायता कक्ष का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन के चारों दिशाओं में भक्तों के विश्राम करने पेगोड़ा नुमा स्थान का निर्माण किया जा रहा है। इसमे श्रद्धालु भक्तिमय वातावरण का आनंद ले पाएंगे।
भविष्य में यह वृहद स्तर पर पर्यटन के रूप में विकसित होगा जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। आपको बता दें कि टेम्पल कमेटी के सदस्यों द्वारा पूर्व में ज्योतिकलश भवन के लिए मांग की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर मेढ़का डोबरा में ज्योतिकलश भवन के लिए आधारशिला रखी गई। मां दंतेश्वरी के दरबार में प्रति वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करवाते हैं। परन्तु भवन छोटा होने के कारण सीमित संख्या में ज्योति कलश की स्थापना हो पाती थी नए भवन में 11100 ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी।
Posted By: Nai Dunia News Network
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