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Janmashtami 2023: मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण ने यहां ली थी शिक्षा, 64 दिन में वेद-शास्त्र-पुराण और गीता का लिया ज्ञान, इसी आश्रम में हुई थी सुदामा से मित्रता

Shri Krishna Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन भक्त श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं और उनके बाल स्वरूप की पूजा करते हैं. इस दिन भक्त श्री कृष्ण के लिए व्रत भी रखते हैं. यह त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों और घरों में सजावट की जाती है और श्री कृष्ण की झांकियां लगाई जाती हैं.

महाकाल की नगरी उज्जैन में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना और पंचामृत से अभिषेक किया गया. यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.

उज्जैन को वैसे तो महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, लेकिन उज्जैन भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली भी है. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण 11 वर्ष की आयु में उज्जैन के ऋषि सांदीपनि के पास विद्या अध्ययन करने आये थे. यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है.

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उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया है. यहां उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरु गोविंद उत्सव मनाया गया. सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद महाआरती हुई. महर्षि सांदीपनि का आश्रम मंगलनाथ रोड पर स्थित है.

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सांदीपनि आश्रम विश्व का सबसे पुराना शैक्षणिक संस्थान है. लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम के साथ यहां विद्या अध्ययन करने आये थे। इस आश्रम में रहते हुए भगवान ने कुल 64 दिनों में चार वेद, छह शास्त्र, अठारह पुराण, चौसठ कलाएं, गीता का ज्ञान और गुरुसेवा को आत्मसात कर लिया था. इसी आश्रम में श्रीकृष्ण की मित्रता सुदामा से हुई थी. इसी आश्रम में भगवान को जीवन की वास्तविकता का पता चला.

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