छत्तीसगढ़स्लाइडर

CG में जल जीवन मिशन से जीवन: कठवा के ग्रामीणों को मिल रहा भरपूर पानी, स्थानीय सुना रहे बघेल सरकार की कहानी

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ने लोगों के जनजीवन में बदलाव लाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर माध्यम साबित हुआ है. इस योजना ने अपनी महत्ता और सार्थकता से ग्रामीणों के जीवन में ख़ुशहाली लाने का काम किया है. इस योजना से लोगों को अतिरिक्त आय का साधन मिला और साथ ही ग्रामीण महिलाओं को मुख्य रूप से रोजगार के अवसर प्रदान किया है। इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन से ग्रामीण महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो रहीं है.

गरियाबंद जिले के ग्राम फूलकर्रा में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित गोबर ख़रीदी हो रही है। गौठान में राम-जानकी महिला स्व-सहायता समूह कार्य कर लाभान्वित हो रही है. समूह की महिलाएं योजना के तहत ख़रीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कर रहीं है. समूह की सदस्य दुलारी बाई बताती है कि उनके समूह में 12 सदस्य हैं और सभी नियमित रूप से गौठान आकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य कर रहे हैं.

इस कार्य से उन्हें गांव में ही रोजगार मिला है, यह कार्य उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना है. समूह ने 1109 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर 2 लाख 70 हजार रूपये की आमदनी की है. इसके साथ ही इस समूह द्वारा केंचुआ का भी विक्रय किया जाता है. इससे समूह को अतिरिक्त आय मिला है.

448 कि.ग्रा. केंचुआ विक्रय से समूह को 1 लाख 12 हजार का मुनाफ़ा हुआ है. समूह की महिलाएं बताती है कि गोधन न्याय योजना से हमें बहुत सहारा मिला है. आज हमें घर से नज़दीक ही रोजगार मिला है. इस योजना से हम सभी महिलाएं खुश हैं. समूह की महिलाओं से इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी और गोधन न्याय योजना लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है. ग्रामीण परिवेश में निवासरत लोगों के लिए यह योजना आर्थिक उन्नति का माध्यम बनकर उभरा है. शासन के प्रयासों से गौठानों में ही आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, ताकि गांव के लोगों को गौठानों में ही रोजगार के नये अवसर मिलने के साथ उनको अतिरिक्त आय का जरिया भी प्राप्त हो सके.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Advertisements
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: