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पाबंदी, मनाही और सुरक्षा: MP में इस तारीख से खुलेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी, जानिए कैसी रहेगी व्यवस्था ?

भोपाल। स्कूलों के बाद मध्य प्रदेश के बाद कॉलेज (College) और यूनिवर्सिटी (University) खोलने का फैसला लिया गया है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने बताया कि प्रदेश के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी 15 सितंबर (15 september) से भौतिक रूप से शुरू होंगे. इस दौरान टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की 100 फीसदी उपस्थिति और छात्रों की 50 फीसदी उपस्थिति में कक्षाएं संचालित होगी.

MP में 15 सितंबर से खुलेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी

इस दौरान स्टाफ और छात्रों को वैक्सीनेशन के फर्स्ट डोज (First Dose of Vaccination) का प्रमाण पत्र जमा करवाना अनिवार्य होगा. अगर छात्रों की संख्या ज्यादा होगी तो सुरक्षा मानकों के आधार पर अलग-अलग समूह बनाकर प्रायोगिक एवं शैक्षणिक कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान अधोसंरचना की उपलब्धता और स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए संस्था प्रमुख निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस भी चलती रहेगी.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों की पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी भी शुरू की जाएगी. इसमें केवल पंजीकृत विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाएगा. लाइब्रेरी में प्रवेश के पूर्व कर्मचारियों/विद्यार्थियों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत शारीरिक तापमान, आवश्यक रूप से मास्क का इस्तेमाल, हाथों को सेनेटाइज करने और पुस्तकालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. पुस्तकालय अध्ययन कक्ष में भी 50% क्षमता के साथ उपस्थिति होगी.

छात्रावास और मैस भी होंगे शुरू
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में मैस भी शुरू होंगे. हालांकि हॉस्टल को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा. शुरुआत में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर के छात्रों के लिए हॉस्टल खोले जाएंगे. इस दौरान छात्रावास परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन एवं सभी विद्यार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जायेगी.

हॉस्टल में डायनिंग हॉल, रसोई, स्नानागार और शौचालय की स्वच्छता की सतत निगरानी होगी. छात्रावास में स्टॉफ के अतिरिक्त अनावश्यक लोगों का प्रवेश वर्जित होगा. किसी भी विद्यार्थी अथवा स्टॉफ में कोविड-19 के लक्षण प्रकट होने पर उसे तुरन्त आइसोलेशन के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो यह सुनिश्चित होगा. छात्रावासों में राज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय अस्पताल आदि के नंबर सूचना पटल पर प्रदर्शित किए जायेंगे

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