Unnao Rape Case में Kuldeep Sengar को बेल : पूर्व BJP विधायक को अंतिम सांस तक जेल में रहना था, जानिए हाईकोर्ट से कैसे मिली जमानत
Unnao BJP Leader Kuldeep Sengar Rape Case Update | Delhi High Court: उत्तर प्रदेश के Unnao rape case में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक Kuldeep Singh Sengar को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। Delhi High Court bail आदेश के तहत अदालत ने उनकी सजा को अपील पर अंतिम सुनवाई तक के लिए निलंबित कर दिया है।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि सेंगर की criminal appeal लंबित रहने तक उन्हें सशर्त रिहा किया जा सकता है।

15 लाख के निजी मुचलके पर रिहाई, चार सख्त शर्तें लागू
Bail conditions strictly enforced
हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को 15 लाख रुपये के personal bond पर जमानत दी है। इसके साथ चार सख्त शर्तें लगाई गई हैं—
पीड़िता से 5 किलोमीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य
हर सोमवार संबंधित थाने में police reporting
Passport surrender, ताकि देश छोड़कर न जा सकें
किसी भी शर्त के उल्लंघन पर bail cancellation
अदालत ने साफ किया कि जमानत का मतलब दोषमुक्ति नहीं है।
2017 में नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म
Minor rape case shook the nation
साल 2017 में उन्नाव जिले में 17 वर्षीय नाबालिग के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। जांच में सामने आया कि प्रभावशाली विधायक Kuldeep Sengar rape allegations में मुख्य आरोपी थे।
इस केस की जांच CBI investigation के तहत की गई थी। 20 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को दोषी ठहराते हुए life imprisonment till death की सजा सुनाई थी।

25 लाख का जुर्माना, विधायकी और पार्टी से बाहर
Political downfall after conviction
ट्रायल कोर्ट ने सेंगर पर 25 lakh fine भी लगाया था। दोषसिद्धि के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह फैसला उस समय Indian judiciary landmark judgment के रूप में देखा गया था।
42 महीनों में 4 मौतें, केस पर गहराता गया शक
Unnao case deaths raised serious questions
उन्नाव रेप केस के दौरान महज 42 महीनों में पीड़िता के परिवार से जुड़े चार लोगों की मौत हुई, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
पीड़िता ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि sitting MLA raped her, लेकिन उसकी आवाज दबाई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किया था केस
Supreme Court intervention in Unnao case
अगस्त 2019 में Supreme Court of India ने उन्नाव रेप केस से जुड़े चारों मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। आदेश दिया गया था कि day-to-day trial चले और 45 दिन में फैसला हो।
दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को दोषी ठहराया, जिसके खिलाफ उन्होंने Delhi High Court appeal दायर की थी।
ट्रायल कोर्ट की सख्त टिप्पणी
No sympathy for the convict
कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा था—
एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकसेवक होने के नाते सेंगर ने जनता के विश्वास को तोड़ा। ऐसे अपराध में कोई सहानुभूति नहीं हो सकती।
यह टिप्पणी judicial observations in rape cases में अक्सर उद्धृत की जाती रही है।
जज के सामने गिड़गिड़ाया था सेंगर
Courtroom emotional moment
सजा के समय कुलदीप सेंगर अदालत में फूट-फूटकर रो पड़ा था। उसने कहा—
मैं निर्दोष हूं, अगर दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए।
यह दृश्य courtroom drama Unnao case के रूप में चर्चा में रहा।
मौसी बोलीं- राजनीतिक साजिश का शिकार
Family reaction on bail
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद सेंगर की मौसी ने कहा कि उनका भतीजा political conspiracy में फंसा था। गांव में खुशी का माहौल है और लोग मिलने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा— वह निर्दोष था, है और रहेगा।
पीड़िता की बहन का दर्द: अब फिर डर
Victim family fears after bail
हाईकोर्ट के फैसले से पीड़िता का परिवार टूट गया है। पीड़िता की बड़ी बहन ने कहा कि victim family security अब फिर खतरे में है।
उन्होंने कहा—
हमारे परिवार में एक-एक करके लोग खत्म होते गए। अब फिर डर के साए में जीना होगा।
पीड़ित पिता पर हमला, जेल में मौत
Chain of violence and injustice
2018 में आरोपी विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता पर जानलेवा हमला किया। उल्टा पीड़िता के पिता को ही जेल भेज दिया गया, जहां custodial death हो गई।
यह मामला criminal justice failure के रूप में देखा गया।
सुबह 4 बजे गिरफ्तारी, लंबी कानूनी लड़ाई
Timeline of Unnao rape case
13 अप्रैल 2018: CBI arrest Kuldeep Sengar
11 जुलाई 2018: चार्जशीट दाखिल
2019: गवाहों की मौत, सड़क हादसा
2019: उम्रकैद की सजा
2025: Delhi HC bail granted
यह सिर्फ कानूनी नहीं, मानवीय मामला
Justice vs humanity debate
उन्नाव रेप केस आज भी India rape case debate का बड़ा उदाहरण है। एक तरफ कानून की प्रक्रिया है, दूसरी तरफ पीड़िता का भय और परिवार का दर्द।
प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही है, ताकि law and order बिगड़ने न पाए।
विज्ञापन
विज्ञापन
जरूरी खबरें
विज्ञापन