Ram Temple को किसने दी 30 करोड़ की मूर्ति : Karnataka Style में बनी, सोना-चांदी और हीरा जड़े हैं, जानिए कहां स्थापित होगी
MP CG Times / Tue, Dec 23, 2025
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में जल्द ही एक अत्यंत भव्य और बेशकीमती प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा Ram Mandir donation के तहत कर्नाटक के एक गुमनाम भक्त द्वारा दान की गई है। सोने की चमक लिए इस प्रतिमा में हीरा, पन्ना और अन्य बहुमूल्य रत्न जड़े हुए हैं, जिससे यह न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि कलात्मक दृष्टि से भी अद्वितीय बन गई है।
मंगलवार शाम यह प्रतिमा कर्नाटक से अयोध्या लाई गई। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 10 फीट और चौड़ाई लगभग 8 फीट है। इसकी अनुमानित कीमत 25 से 30 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जिसे gold plated idol और diamond studded statue की श्रेणी में रखा जा रहा है। प्रतिमा का निर्माण दक्षिण भारत की पारंपरिक Karnataka style sculpture के अनुरूप किया गया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रतिमा किस श्रद्धालु ने भेजी है। इसका वजन कराया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक यह लगभग 5 क्विंटल वजनी हो सकती है। प्रतिमा से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी। यह दान anonymous devotee donation के रूप में दर्ज किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रतिमा को संत तुलसीदास मंदिर के पास स्थित अंगद टीला पर स्थापित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। स्थापना से पहले इसका विधिवत idol unveiling ceremony किया जाएगा। इसके बाद वैदिक विधि-विधान से pran pratishtha संपन्न होगी, जिसमें देशभर के संतों और महंतों को आमंत्रित किया जाएगा।

स्पेशल वैन से अयोध्या तक सुरक्षित यात्रा
कर्नाटक से अयोध्या की दूरी करीब 1,750 किलोमीटर है। प्रतिमा को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ एक स्पेशल वैन में लाया गया। मंगलवार शाम करीब 3:30 बजे यह प्रतिमा राम मंदिर परिसर पहुंची, जहां परिसर के भीतर ही इसे खोला गया। इस पूरी logistics planning में प्रतिमा को अयोध्या तक पहुंचाने में लगभग 5 से 6 दिन का समय लगा।
सूत्र बताते हैं कि इस प्रतिमा को कर्नाटक के कुछ श्रद्धालुओं ने संयुक्त रूप से तैयार कराया है। निर्माण कार्य में तंजावुर के कुशल कारीगरों की अहम भूमिका रही है, जिन्होंने इसे अत्यंत कलात्मक रूप दिया। प्रतिमा में रत्न जड़ित स्वर्ण परत चढ़ी है, हालांकि इसके मूल धातु का परीक्षण अभी जारी है। यह पूरी प्रक्रिया traditional South Indian craftsmanship का उदाहरण मानी जा रही है।

रामलला प्रतिमा की हूबहू प्रतिकृति
यह प्रतिमा राम जन्मभूमि में प्रतिष्ठित रामलला की मूल प्रतिमा की हूबहू कॉपी है। इसमें सोने के साथ ही हीरा, पन्ना और नीलम जैसे बहुमूल्य पत्थरों का प्रयोग किया गया है, जिससे इसकी भव्यता और आध्यात्मिक गरिमा और भी बढ़ गई है। ट्रस्ट से जुड़े सूत्र इसे replica of Ram Lalla idol बता रहे हैं।
प्रतिष्ठा द्वादशी पर होंगे विशेष आयोजन
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी। पंचांग के अनुसार इस वर्ष प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को मनाई जाएगी, जिसे Pratishtha Dwadasi celebrations नाम दिया गया है। इसके लिए अंगद टीला परिसर में भूमि पूजन किया जा चुका है।
इस अवसर पर 29 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंदिर गर्भगृह में श्रीराम अभिषेक, श्रृंगार, भोग और प्राकट्य आरती सुबह 9:30 बजे से दोपहर की आरती तक होंगी। इन आयोजनों को Ram Mandir anniversary events के रूप में भव्य रूप दिया जाएगा।
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