: छत्तीसगढ़ के अगले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौन ? दिल्ली तक चल रही लॉबिंग, डहरिया-भगत आलाकमान तक पहुंचे, सिंहदेव बोले- सबके नाम पर विचार हो
TS Singhdev for Chhattisgarh Congress state president: लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान पर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का दबाव बढ़ रहा है। पीसीसी अध्यक्ष पद के लिए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का नाम चर्चा में आते ही प्रदेश के कई बड़े नेता लामबंद हो गए हैं। वे प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी नेता को देने की मांग कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर दिल्ली तक लॉबिंग शुरू हो गई है। जिसको लेकर सिंहदेव का कहना है कि सिर्फ जाति या वर्ग के आधार पर किसी को पद नहीं मिलना चाहिए, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन सबसे बेहतर नेतृत्व कर सकता है।
कांग्रेस नेताओं की कवायद
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा करने दिल्ली पहुंच गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फिलहाल दिल्ली में हैं। वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और शिव डहरिया भी दिल्ली पहुंच गए हैं।
इधर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक लखेश्वर बघेल, पूर्व विधायक संतराम नेताम और फूलीदेवी नेताम काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। मंगलवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की है।
आदिवासी बनाम गैर आदिवासी नेतृत्व पर बहस
कांग्रेस में इस बात पर खूब चर्चा हो रही है कि आदिवासी नेतृत्व को आगे लाया जाए या टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। आदिवासी नेताओं का तर्क है कि चूंकि मुख्यमंत्री का पद गैर आदिवासी नेता (विष्णुदेव साय) के पास है, इसलिए प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी नेता को दी जानी चाहिए।
पूर्व सीएम बघेल की ओर से मानपुर-मोहला विधायक इंदर शाह मंडावी और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का नाम आगे किया गया है। हालांकि भगत के खिलाफ ईडी और आईटी जांच को देखते हुए उनकी संभावना कमजोर मानी जा रही है।
दूसरी ओर पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का नाम भी चर्चा में है, लेकिन पार्टी के एक बड़े धड़े की प्राथमिकता अभी भी टीएस सिंहदेव ही हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सिंहदेव सबसे आगे हैं।
सिंहदेव ने कहा- भगत के नाम पर भी विचार होना चाहिए
नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिए गए सार्वजनिक बयान और दिल्ली में चल रही लॉबिंग को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा, अगर अमरजीत भगत प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं तो उनके नाम पर भी विचार होना चाहिए। वे कैबिनेट के सदस्य भी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ जाति या वर्ग के आधार पर किसी को पद नहीं मिलना चाहिए, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन सबसे बेहतर नेतृत्व कर सकता है।
क्या पंचायत चुनाव के बाद होगा फैसला?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अंतिम फैसला हो सकता है। ऐसे में आने वाले हफ्ते छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सियासत के लिए काफी अहम होने वाले हैं। फिलहाल पंचायत चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में चुनाव के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS
कांग्रेस नेताओं की कवायद
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा करने दिल्ली पहुंच गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फिलहाल दिल्ली में हैं। वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और शिव डहरिया भी दिल्ली पहुंच गए हैं।
इधर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक लखेश्वर बघेल, पूर्व विधायक संतराम नेताम और फूलीदेवी नेताम काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। मंगलवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की है।
आदिवासी बनाम गैर आदिवासी नेतृत्व पर बहस
कांग्रेस में इस बात पर खूब चर्चा हो रही है कि आदिवासी नेतृत्व को आगे लाया जाए या टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। आदिवासी नेताओं का तर्क है कि चूंकि मुख्यमंत्री का पद गैर आदिवासी नेता (विष्णुदेव साय) के पास है, इसलिए प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी नेता को दी जानी चाहिए।
पूर्व सीएम बघेल की ओर से मानपुर-मोहला विधायक इंदर शाह मंडावी और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का नाम आगे किया गया है। हालांकि भगत के खिलाफ ईडी और आईटी जांच को देखते हुए उनकी संभावना कमजोर मानी जा रही है।
दूसरी ओर पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का नाम भी चर्चा में है, लेकिन पार्टी के एक बड़े धड़े की प्राथमिकता अभी भी टीएस सिंहदेव ही हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सिंहदेव सबसे आगे हैं।
सिंहदेव ने कहा- भगत के नाम पर भी विचार होना चाहिए
नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिए गए सार्वजनिक बयान और दिल्ली में चल रही लॉबिंग को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा, अगर अमरजीत भगत प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं तो उनके नाम पर भी विचार होना चाहिए। वे कैबिनेट के सदस्य भी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ जाति या वर्ग के आधार पर किसी को पद नहीं मिलना चाहिए, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन सबसे बेहतर नेतृत्व कर सकता है।
क्या पंचायत चुनाव के बाद होगा फैसला?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अंतिम फैसला हो सकता है। ऐसे में आने वाले हफ्ते छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सियासत के लिए काफी अहम होने वाले हैं। फिलहाल पंचायत चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में चुनाव के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
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