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: Kawasi Lakhma को EOW की गिरफ्तारी का डर: High Court में लगाई अग्रिम जमानत याचिका, सुनवाई की तारीख तय नहीं, 38 दिनों से जेल में

MP CG Times / Fri, Feb 21, 2025

Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पिछले 38 दिनों से जेल में बंद हैं। ईडी के बाद अब लखमा को ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा गिरफ्तारी का डर सता रहा है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।

Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: हाईकोर्ट ने अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं की है, लेकिन कहा जा रहा है कि मामले की जल्द ही सुनवाई होगी। इससे पहले ईडी की विशेष अदालत ने लखमा की जमानत खारिज कर दी है। साथ ही उन्हें विधानसभा सत्र में शामिल होने की भी अनुमति नहीं दी गई थी। ईडी ने लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उनसे 7 दिन रिमांड पर पूछताछ की थी। इसके बाद उन्हें 21 जनवरी से 4 फरवरी तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। ईडी की विशेष अदालत ने उनकी रिमांड दो बार बढ़ाई है। लखमा 4 मार्च तक न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। अब जानिए लखमा को गिरफ्तारी का डर क्यों सता रहा है? दरअसल शराब घोटाला मामले में ईडी ने 2 पूर्व मंत्रियों, अफसरों समेत 100 लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया है। इसमें कवासी लखमा का नाम भी है। लखमा को डर है कि अगर उन्हें जमानत मिल गई तो ईओडब्ल्यू उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर सकती है। शराब घोटाला मामले में अरुण त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन वे जेल से बाहर नहीं आ सके। कई अफसर ऐसे हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज होने के कारण वे जेल से रिहा नहीं हो सके। लखमा को विधानसभा सत्र में शामिल होने की नहीं मिली अनुमति कवासी लखमा ने 18 फरवरी को सुनवाई के दौरान विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए ईडी कोर्ट से अनुमति मांगी थी, लेकिन गुरुवार को सुनवाई के दौरान विशेष कोर्ट ने अनुमति नहीं दी। Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: कोर्ट ने कहा कि लखमा के अनुपस्थित रहने से विधानसभा सत्र के संचालन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। ईडी के वकील ने दी थी दलील पिछली सुनवाई में ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कवासी लखमा की अर्जी पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि विधानसभा में कोई वोटिंग चल रही हो, लखमा की ओर से कोई सवाल पूछा गया हो या उन्हें कोई जवाब देना हो, ऐसी कोई स्थिति हो तो आप बताएं। Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: ईडी के वकील ने अपनी दलील में कहा था कि विधानसभा में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल की ओर से कवासी लखमा को कोई पत्र नहीं आया है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ईडी का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। सिंडिकेट लखमा के निर्देश पर काम करता था। शराब सिंडिकेट को उनसे मदद मिलती थी। साथ ही शराब नीति में बदलाव में उनकी अहम भूमिका रही, जिसके चलते छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ईडी का दावा है कि आबकारी विभाग में हो रही अनियमितताओं की जानकारी लखमा को थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। कमीशन के पैसे से बेटे का मकान बना, कांग्रेस भवन भी बना ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि शराब घोटाला 3 साल तक चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान लखमा को 36 महीने में 72 करोड़ रुपए मिले। यह रकम उनके बेटे हरीश कवासी के मकान और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण पर खर्च की गई। Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: ईडी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध रकम भरी गई। घोटाले की रकम 2161 करोड़ Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: लखमा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निदेशालय ने कहा कि, ईडी की जांच में पहले ही पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। Former Minister Kawasi Lakhma Anticipatory Bail Petition Filed In High Court: घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर महीने पीओसी से कमीशन मिला है। ईडी के मुताबिक 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में इस तरह से अवैध कमाई की गई। Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

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