छत्तीसगढ़ में शव दफनाने पर विवाद...आदिवासी-ईसाई समुदाय भिड़े : एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला, चर्च जलाए गए, ASP समेत 20 पुलिसकर्मी घायल
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी समाज और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया। हालात बेकाबू होने पर आदिवासियों ने सरपंच के घर में तोड़फोड़ की और गांव के चर्च में आग लगा दी।
घटना के बाद आक्रोशित भीड़ आमाबेड़ा की ओर बढ़ गई। करीब तीन हजार से अधिक लोगों की भीड़ ने वहां स्थित एक अन्य चर्च को भी आग के हवाले कर दिया। भीड़ तीसरे चर्च को जलाने आगे बढ़ रही थी, तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की।


ASP समेत 20 पुलिसकर्मी घायल
इस दौरान कई ग्रामीण, कवरेज कर रहे पत्रकार और अंतागढ़ के एएसपी आशीष बंछोर समेत लगभग 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को देखते हुए इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल, विवाद की जड़ गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मृत्यु के बाद उनका शव गांव में दफनाया जाना है। सरपंच का परिवार धर्मांतरित बताया जा रहा है, जिस पर आदिवासी समाज ने कड़ा विरोध जताया। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की सामाजिक परंपराओं और नियमों को दरकिनार कर शव को दफनाया गया।

शव को कब्र से बाहर निकाला गया
पिछले दो दिनों से ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शव को कब्र से बाहर निकाला। इसके बाद शव को जिले से बाहर रायपुर भेजा गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव को पूरी तरह सील कर दिया गया है। बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और दोनों पक्षों को अलग-अलग क्षेत्रों में रखा गया है। प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बल तैनात हैं।
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