: जहां मारा गया चलपति, वहां 3 नक्सलियों का सरेंडर: गरियाबंद में 15 लाख के इनामी माओवादियों ने डाला हथियार, बोले- 64 नक्सली अभी भी सक्रिय
Chhattisgarh Gariaband 3 Naxalites surrender: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 15 लाख रुपये के इनामी तीन नक्सलियों ने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया। एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संटू ने स्वचालित हथियार के साथ सरेंडर किया। उसके साथ दो महिला नक्सली मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जुमकी भी थीं।
यह सरेंडर एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी अमरेश मिश्रा और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। तीनों नक्सलियों पर 15 लाख रुपये का इनाम था। यह घटना 20 जनवरी को भालू डिगी मुठभेड़ के बाद हुई थी। उस मुठभेड़ में सीसी सदस्य चलपति और डिवीजन कमांडर सत्यम गावड़े समेत 3.25 करोड़ रुपये के 16 नक्सली मारे गए थे।
भालू डिगी मुठभेड़ के बाद नक्सलियों में दहशत
नुआपाड़ा डिवीजन कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप ने बताया कि भालू डिगी घटना के बाद नक्सलियों में दहशत का माहौल है। उन्होंने बताया कि छोटे नक्सली काफी परेशान हैं। पुलिस सर्चिंग के कारण दबाव बढ़ गया है। उन्हें बार-बार अपना कैंप बदलना पड़ रहा है और भोजन-पानी की भी समस्या हो रही है।
दिलीप ने बताया कि मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी, जिसका पुलिस ने इलाज कराया। उसके मुताबिक जिले में अभी भी 64 नक्सली सक्रिय हैं। इस मौके पर गरियाबंद पुलिस ने 'पुना मोडोल' यानी 'नई शुरुआत' अभियान भी शुरू किया, जिसकी एडीजी ने सराहना की।
पुलिस के साथ मुठभेड़ में 2 नक्सली ढेर: सुकमा में 500 जवानों ने बड़े नक्सली नेताओं को चारों तरफ से घेरा, रुक-रुक कर हो रही फायरिंग
नक्सलवाद के दुष्चक्र में फंसे लोग अब समाज की मुख्यधारा में आ रहे हैं
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर गरियाबंद जिले में 18 लाख रुपये के इनामी 3 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। नक्सलवाद के दुष्चक्र में फंसे लोग अब समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं, जो स्वागत योग्य है। हमारी सरकार इन लोगों के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है।
भालू डिग्गी में लंबे ऑपरेशन में 27 नक्सली मारे गए
20 जनवरी को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट पंचायत के भालू डिग्गी टोला के जंगलों में सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया। ये नक्सली भोजन की तलाश में गांव के पास आए थे, तभी फोर्स ने त्रिकोणीय एंबुश लगाकर उन्हें घेर लिया। पहाड़ी पर बसे कुल्हाड़ी घाट के गांव नक्सलियों के सबसे सुरक्षित इलाकों में से थे। अब तक इन पहाड़ी रास्तों से नक्सली 3 राज्यों में आते-जाते रहे हैं।
गरियाबंद में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन तीन दिनों तक चला। इस मुठभेड़ में 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। मुठभेड़ में नक्सली जयराम रेड्डी उर्फ अप्पाराव भी मारा गया, जो सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) कैडर था और उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS
भालू डिगी मुठभेड़ के बाद नक्सलियों में दहशत
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दिलीप ने बताया कि मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी, जिसका पुलिस ने इलाज कराया। उसके मुताबिक जिले में अभी भी 64 नक्सली सक्रिय हैं। इस मौके पर गरियाबंद पुलिस ने 'पुना मोडोल' यानी 'नई शुरुआत' अभियान भी शुरू किया, जिसकी एडीजी ने सराहना की।
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