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: Chhattisgarh: मुख्यमंत्री निवास में भूपेश बघेल ने बांधी धान की झालर, सांस्कृतिक परंपरा की निभाई रस्म

News Desk / Fri, Oct 21, 2022


धनतेरस पर परंपरा के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास पर धान की झालर बांधी।

धनतेरस पर परंपरा के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास पर धान की झालर बांधी। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप CM भूपेश बघेल ने दीपोत्सव पर्व से पहले धनतेरस पर मुख्यमंत्री निवास में दरवाजे पर धान की झालर बांधने की रस्म निभाई। यह परंपरा दीपावली पर मां लक्ष्मी को धन्यवाद देने और पूजन के लिए आमंत्रित करने को निभाई जाती है। 

दरअसल, दीपावली के दौरान खेतों में जब नई फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियों से कलात्मक झालर तैयार करते हैं। इनसे घरों की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि यह आमंत्रण चिड़ियों के माध्यम से देवी तक पहुंचता है, जो धान के दाने चुगने आंगन और द्वार पर उतरती हैं। इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और द्वार पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।

विस्तार

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप CM भूपेश बघेल ने दीपोत्सव पर्व से पहले धनतेरस पर मुख्यमंत्री निवास में दरवाजे पर धान की झालर बांधने की रस्म निभाई। यह परंपरा दीपावली पर मां लक्ष्मी को धन्यवाद देने और पूजन के लिए आमंत्रित करने को निभाई जाती है। 

दरअसल, दीपावली के दौरान खेतों में जब नई फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियों से कलात्मक झालर तैयार करते हैं। इनसे घरों की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि यह आमंत्रण चिड़ियों के माध्यम से देवी तक पहुंचता है, जो धान के दाने चुगने आंगन और द्वार पर उतरती हैं। इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और द्वार पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।


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