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नेताओं ने की अमरकंटक से छल: नेता-मंत्रियों को कोस रहे निराश श्रद्धालु और पर्यटक, जानिए किन सुविधाओं से महरूम है मां नर्मदा की पावन धरा ?

अमरकंटक। मां नर्मदा अमरकंटक की पावन धरा से निकली है. यहां के कण कण में मां विराजी हैं, रोजाना हजारों श्रद्धालु मां नर्मदा के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन यहां श्रद्धालुओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को ढंग की सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं, जिससे श्रद्धालुओं को निराश होकर लौटना पड़ता है.

कपिलधारा जाने के लिए सड़क बनी है, जिससे हजारों पर्यटक आते जाते हैं. कपिधारा जाने के लिए जो सड़क बनाई गई है, वो सिंगल लाइन की है, जिससे लोगों को आवागमन करने में परेशानी होती है. कम चौड़ी सड़क में कभी भी हादसा हो सकता है, लेकिन कोई जिम्मेदार इस तरफ आंख उठाकर देखना नहीं चाहता है. ऐसा नहीं है अमरकंटक में कोई नेता और मंत्रियों का आना नहीं होता, नेता मंत्रियों का यहां तांता लगा रहता है, लेकिन मजाल है कि कोई विकास की बात कर ले.

दूधधारा जाने से पहले कपिल धारा के पास की सड़क बदहाल है, सड़क कीचड़ से लथपथ है, जिसमें पर्यटकों का पैदल चलना दुश्वार है, लोगों को पैदल चलने में फिसलकर गिरने का भय बना रहता है. कीचड़युक्त सड़क लोगों को परेशानी में डाल रही है. इतना ही नहीं यहां सुरक्षा को लेकर भी कोई प्रतिबंध नहीं है, जिससे लोग कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं, कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. पर्यटन स्थलों में गैरजिम्मेदाराना काम किया जा रहा है.

पर्यटक रोजाना हजारों की तादाद में आते हैं, जिसमें से सैकड़ों पर्यटक कार से आते हैं. ऐसे में उनसे जोरो शोरों से वसूली जारी है. पार्किंग के नाम पर मोटी कमाई जारी है, लेकिन उससे उलट लोगों के लिए सुविधाओं की बात की जाए, तो शौचालय तक नजर नहीं आता है. ऐसे में पर्यटक निराश होकर लौटते हैं, क्योंकि वे परिवार के साथ मां बहनें और बच्चे आते हैं, जो जंगल में बाथरूम जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं, जो सिस्टम की नाकामी साफ साफ दिख रही है.

नर्मदा उद्गम के बाद अमरकंटक क्षेत्र के सबसे ज्यादा धार्मिक और पौराणिक महत्व का जालेश्वर धाम में सुविधाएं न के बराबर हैं. पर्यटन मंडल द्वारा बनाए गए सामुदायिक भवन और सार्वजनिक शौचालय का हाल बेहाल है. जगह जगह पर सुविधाओं की कमी है. साफ पानी के लिए व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को पैसे खर्च कर पानी खरीदना पड़ता है. इतना ही नहीं शौचालय तक नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी होती है.

इस मामले में MP-CG टाइम्स की टीम ने कई श्रद्धालुओं से बातचीत की, उनसे अमरकंटक में सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो कपिल धारा दूधधारा आने वालों के लिए यहां नेटवर्क ही नहीं है, अगर किसी पर्यटक को कभी स्वास्थ्य या कोई हादसा का शिकार हो जाता है और एम्बुलेंस की जरूरत है, तो वो पर्यटक बिना इलाज के ही दम तोड़ देगा, क्योंकि जब कॉल नहीं लगेगा तो एम्बुलेंस को कैसे बुलाएंगे की लोगों को कैसे जानकारी देंगे.

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वहीं कुछ लीगों ने कहा कि यहां शौचालय और साफ पानी के लिए व्यवस्थाएं नहीं कि गयी है, जिससे जो दूर दराज से पर्यटक दूधधारा, कपिलधारा, दुर्गाधारा जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की जरूरत है, ताकि लोगों को परेशानी न हो. वहीं दूसरे ने कहा कि सुविधाओं की कमी है, जगह बहुत खूबसूरत है, इसको संजोने की जरूरत है.

बहरहाल, महीने दो महीने में यहां कोई न कोई मंत्री और विधायक सियासी रोटी सेकने के लिए पहुंचते रहते हैं, लेकिन वो रोटी पर्यटक और श्रद्धालुओं के हित के लिए नहीं होती. इस पावन धरा पर प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की कदम पड़ चुके हैं, लेकिन मजाल है इन सब परेशानियों की ओर किसी की नजर पड़ जाए, कई नेता तो ऐसे हैं, जो यहीं डेरा जमाए रहते हैं, लेकिन कभी विकास की ओर जहमत नहीं उठाई.

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