अयोध्या के महंत बोले- रावण का दूसरा रूप हैं भूपेश : मिशनरियों का धर्मांतरण का धंधा बंद हो गया है, इसलिए पूर्व CM को साधु-संत BJP का एजेंट लग रहे
MP CG Times / Mon, Dec 29, 2025
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कथावाचकों पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल की टिप्पणी के बाद सियासत गरमाई हुई है। अब हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास ने भूपेश बघेल को रावण बताया है। उन्होंने कहा कि, भूपेश बघेल कहते हैं कि उनके घर में पांच संत हुए। लेकिन रावण किसका बेटा था? वो भी एक संत का बेटा था। भूपेश शुद्ध रूप से रावण का दूसरा रूप है।
दरअसल, रविवार को भिलाई में आयोजित हनुमंत कथा में हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास पहुंचे थे। जहां उन्होंने भूपेश बघेल के बारे में कहा कि उनकी भाषा, भाव और कार्यशैली सनातन संस्कृति के विरुद्ध है।
एक पूर्व मुख्यमंत्री से इस तरह की ओछी और मर्यादाहीन टिप्पणी की अपेक्षा नहीं की जा सकती, विशेषकर तब जब वे खुद महात्मा गांधी की विचारधारा का दावा करने वाली पार्टी से आते हों। महंत ने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि, रावण एक ब्राह्मण और विद्वान था। भगवान शिव का उपासक था, लेकिन उसके कर्म सनातन संस्कृति के विनाश की ओर थे।

हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास ने कहा कि, भूपेश शुद्ध रूप से रावण का दूसरा रूप है।
साधु-संतों का ही नहीं, लाखों सनातनियों की आस्था का अपमान
महंत ने कहा कि, संतों और धार्मिक कथावाचकों पर टिप्पणी करना न केवल साधु-संतों का अपमान है, बल्कि यह लाखों सनातनियों की आस्था पर सीधा कुठाराघात है। बाबा बागेश्वर धाम और पं. प्रदीप मिश्रा जैसे संतों को बीजेपी का एजेंट बताना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
संतों का कार्य किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं, बल्कि समाज के पीड़ित, दुखी और परेशान लोगों के कल्याण के लिए होता है। महंत ने सवाल उठाया कि क्या किसी के जीवन के कष्ट दूर करना किसी राजनीतिक पार्टी का काम है?
महात्मा गांधी ने की थी रामराज्य की परिकल्पना
महंत ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि, गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। अगर कांग्रेस पार्टी वास्तव में गांधी के विचारों को मानती है, तो फिर सनातन परंपरा और संतों के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी कैसे उचित ठहराई जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस आज जिन विचारों के कारण समाप्ति की ओर बढ़ रही है, उनमें ऐसे ही बयान प्रमुख कारण हैं।
कथावाचक भगवान के बारे में न बताकर अब टोटके बताते हैं- भूपेश
21 दिसंबर को दुर्ग में आयोजित कार्यक्रम में भूपेश बघेल ने कहा था कि, प्रदेश में दो महाराज पं. प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री महाराज भगवान के बारे में न बताकर अब टोटके बताते हैं। अंधविश्वास फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा था कि, देश में कभी हिंदू खतरे में नहीं था। लेकिन जब से बीजेपी-आरएसएस सत्ता में आई है तब से हिंदू खतरे में है का डर दिखाकर तीन बार चुनाव जीत चुके हैं।
धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं- बघेल
27 दिसंबर को भूपेश बघेल ने बयान दिया था कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं। बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। जब धीरेंद्र शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। वह कल का बच्चा है। हमें सनातन धर्म सिखाने चला है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को खुली चुनौती है।
वे छत्तीसगढ़ के किसी भी साधु-संत से शास्त्रार्थ कर लें। जब वे पैदा भी नहीं हुए थे तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। किसी बाहरी व्यक्ति से सीखने की जरूरत नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री से उनका बेटा भी उम्र में 10 साल बड़ा है।
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