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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के घोटालेबाजों को झटका: HC से सभी आरोपियों की याचिकाएं की खारिज, टुटेजा, ढेबर, त्रिपाठी, विधु की बढ़ी मुश्किलें

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शामिल सभी आरोपियों की याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं। फैसले के बाद पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और विधु गुप्ता समेत सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: बहुचर्चित शराब घोटाले में शामिल सभी आरोपियों ने एसीबी और ईओडब्ल्यू की एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है

एडिशनल एजी विवेक शर्मा के मुताबिक अनवर ढेबर ने कांग्रेस सरकार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अरुणपति त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी बनवाया था, जिसके बाद अफसरों, कारोबारियों, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: मामले में ईडी ने रायपुर में ईसीआईआर दर्ज की थी। वहीं, फर्जी होलोग्राम के मामले में उत्तर प्रदेश के नोएडा में केस दर्ज किया गया था। एसीबी और ईओडब्ल्यू की एफआईआर ईडी की जांच में मिले सबूतों के आधार पर दर्ज की गई है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: 10 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज मंगलवार को फैसला आया है।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज की है। दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही जा रही है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में इस घोटाले को अंजाम दिया गया था।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: ईडी द्वारा दर्ज एफआईआर की जांच एसीबी कर रही है। एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 से 2022 तक सरकारी शराब की दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई, जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

ढेबर-त्रिपाठी से पूछताछ में कंपनियों के नाम उजागर हुए यूपी एसटीएफ द्वारा पूछताछ में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने बताया है कि इस घोटाले का सबसे बड़ा फायदा डिस्टिलरी कंपनियों (शराब बनाने वाली कंपनियों) को हुआ। दोनों आरोपियों ने यह भी बताया कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (पीएचएसएफ) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: इससे डुप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टिलरी में भेजे गए। वहां से इन होलोग्राम को अवैध शराब पर चिपकाया गया। तीनों डिस्टिलरी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई छत्तीसगढ़ में हुए 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में डिस्टिलरी की भी बड़ी भूमिका रही है।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और ईओडब्ल्यू ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे जुड़े लोगों को आरोपी बनाया है। हालांकि, इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

शराब बनाने वाली कंपनियां निशाने पर

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े फर्जी होलोग्राम मामले में शराब बनाने वाली कंपनियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। इन कंपनियों को यूपी एसटीएफ की ओर से दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बाद भी कंपनी से कोई भी व्यक्ति पूछताछ के लिए नहीं आया है।

Chhattisgarh liquor scam Petition of accused rejected by HC: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूपी एसटीएफ की टीम जल्द ही इन कंपनियों को दोबारा नोटिस जारी करेगी। इस बार अगर कोई पूछताछ में शामिल नहीं होता है तो संबंधित कंपनियों के संचालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।

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