नाबालिग गैंगरेप केस: पूर्व मंत्री समेत 3 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, SC के फटकार के बाद दर्ज हुई थी FIR
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रासद प्रजापति को चित्रकूट नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. गायत्री प्रजापति को गुरुवार को दोषी करार दिया गया था. पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
जानकारी के मुताबिक गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. तीनों लोगों को सामूहिक दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी पाया गया. इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश को बरी कर दिया गया.
गायत्री प्रसाद प्रजापति समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रह चुके हैं. गायत्री और छह अन्य पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया था. महिला ने कहा कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति के आवास पर उनके पास पहुंची थी. जिसके बाद मंत्री व उसके साथियों ने उसे नशा देकर नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. शिकायत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से परिवार को धमकाने का मामला भी सामने आया था.
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परिवार को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गौतमपल्ली में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. तब गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
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