: Mungeli: जिला जेल में हत्या के दोषी कैदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पत्नी के कत्ल के मामले में था बंद
घटना के बाद जेल पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी - फोटो : अमर उजाला
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पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद एक कैदी राहुल साहू ने गुरुवार तड़के आत्महत्या कर ली। सुबह जब सभी कैदी दैनिक क्रिया के लिए बाहर आते हैं, तभी राहुल भी बैरक से बाहर आया और सीढ़ियों पर बने रोशन दान में चादर को चीरकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना जेल प्रशासन को कैदियों की गिनती के समय एक कैदी की गिनती कम मिलने पर खोजबीन करने पर हुई। खोजबीन करने पर राहुल सीढ़ियों पर फांसी लगाए हुए मिला। इसकी सूचना जेल प्रभारी द्वारा आईजी, कलेक्टर ,एसपी सहित सभी आला अधिकारियों और मृतक के परिजनों को दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फास्टरपुर थाना क्षेत्र के सिंघनपुरी (लगरा) निवासी राहुल साहू को सितंबर 2021 में अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में जिला जेल मुंगेली में रिमांड में भेजा गया था। पिछले 14 महीने से वह जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद था। 18 अक्टूबर 2022 को उसे जिला न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे वह बहुत दुखी और घबराया हुआ था।
सुबह जब सभी कैदियों को ब्रश करने और नहाने के लिए निकाला गया तो उसी दौरान राहुल ने चादर को फाड़कर सीढ़ियों में बने रोशनदान में फांसी लगा ली। अपने अपने नित्य कर्म में लगे लोगों ने राहुल की ओर ध्यान नही दिया। राहुल साहू के फांसी लगा लेने की सूचना जेल प्रशासन को तब हुई जब कैदियों की गिनती में एक कैदी काम पाया गया और गायब कैदी की खोजबीन की गई।
खोजबीन में पाया गया कि राहुल साहू ने सीढ़ी के रोशनदान में चादर से फांसी लगा ली है। कैदी के फांसी लगाने की सूचना प्रहरियों द्वारा जेल प्रभारी को दी गयी। फिर उन्होंने ने सीजेएम, कलेक्टर, एसपी सहित सभी आला अधिकारियों को सूचना दी। कैदी की आत्महत्या की सूचना पर सीजेएम और तहसीलदार लीलाधर ध्रुव, सिटी कोतवाली प्रभारी गौरव पांडेय तत्काल जेल पहुंच गए ।परिजनों को भी सूचना मिली तो वे भी जेल आ गए। सीजेएम और परिजनों की उपस्थिति में शव का पंचनामा कार्यवाही कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिजन मिलने आए थे तब भी कुछ अहसास नही हुआ
राहुल के मामा मोतीलाल साहू ने बताया कि बुधवार को राहुल के बड़े भैया और परिजन उससे मिलने आये थे। उन्होंने आगे अपील करने की बात भी कही थी। उस समय बातों के दौरान राहुल के एसा कदम उठा लेने की कोई आशंका नही हुई थी। मगर जब फास्टरपुर थाने से राहुल के जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की खबर मिली तो सभी को एक बारगी विश्वास ही नही हुआ। राहुल के पिता और भाई तुरन्त जिला जेल पहुंचे तो उन्हें विश्वास हुआ कि राहुल ने खौफनाक कदम उठा लिया है।
जेल प्रशासन सवालों के घेरे में
जहां जेल का चप्पा-चप्पा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो और बिना नजर में आये कोई एक तिनका भी नही उठा सकता। ऐसी जगह में एक युवक बैरक से अपनी चादर साथ लेकर सीढ़ी तक आता है और रोशनदान में उस चादर को फाड़कर फंदा बनाकर फांसी पर लटक जाता है। इसकी किसी को भनक तक नही लगती। यह किसी भी तरह गले से उतरने वाली बात नहीं लगती।
इस मामले में जेल प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आ रही है। क्योंकि कैदी के फांसी लगा लेने की जानकारी गिनती में संख्या कम पाए जाने पर खोजबीन करने पर हुई। तब तक जेल प्रहरी और दूसरे कर्मचारी क्या कर रहे थे? उन्हें इसकी जानकारी पहले क्यों नही हो पाई? मृतक राहुल के परिजन भी इस पर अपनी हैरानी जता रहे हैं कि कोई व्यक्ति इतना बड़ा कदम उठा ले और न किसी कैदी और न ही जेल के किसी कर्मचारी को पता चला।
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