: वाह रे सिस्टम और वाह रे बदहाली: पोस्टमार्टम के लिए शव को लेकर 100KM दौड़े ग्रामीण
पोस्टमार्टम के लिए सौ किलोमीटर दौड़ने की मजबूरी
चम्पा में हुई इस घटना के बाद एक बार फिर यहां के ग्रामीण पोस्टमार्टम के लिए परेशान हुए। सन्ना में एमबीबीएस चिकित्सक की पद स्थापना न होने से,मृतकों के स्वजनों को स्वास्थ्य विभाग ने 50 किलोमीटर दूर बगीचा ले कर जाने का फरमान सुना दिया। पोस्टमार्टम के बाद इतनी ही दूरी वापसी के लिए स्वजनों को तय करना होगा।
पूरे बगीचा ब्लॉक में पोस्टमार्टम के लिए एक ही चिकित्सक होने की मजबूरी बताते हुए,विभाग के अधिकारियों ने सम्बंधित डॉक्टर को सन्ना भेजे जाने पर भी असमर्थतता जता दी। इससे सुविधाहीन गांव चम्पा के रहवासी परेशान हो कर शव के पास साधन का इंतजार करते हुए बैठे है।
दो साल में नही हो सका विकास
सन्ना को तहसील घोषित किये हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन यहां एक तहसीलदार की पदस्थापना के अतिरिक्त कोई सुविधा नही दी गई है। यहां तक कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड टांग दिया गया है। लेकिन,चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिससे बीमारी के इलाज के लिए लोगों को इसी तरह परेशान होना पड़ता है।
'बगीचा ब्लाक में एक ही चिकित्सक होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। शव को बग़ीचा ले जाने और वापस लाने के लिए विभाग की ओर से एम्बुलेंस उपलब्ध करा दिया गया है।
डॉ रंजीत टोप्पो,सीएमएचओ,जशपुर।
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