: इंजीनियर ने की आत्महत्या: सुसाइड नोट पर छोड़े कई सुराग, पढ़िए सरपंच और पार्षद कनेक्शन
सकरी थाना क्षेत्र के आसमां सिटी के रहने वाले ऋषभ निगम(38) इंजीनियर थे। पिता शिव कुमार रिटायर्ड रेंजर हैं। मंगला चौक में ऋषभ की बिजली दुकान थी। उन्होंने सूदखोरों से करीब चार लाख रुपये उधार लिए थे। पैसा देने के बाद भी सूदखोर ब्याज वसूलते रहे।
इससे वे उबर नहीं पाए और मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान रहने लगे। दो दिन पहले उन्होंने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में ग्राम पंचायत हांफा के सरपंच व कांग्रेस नेता संदीप मिश्रा व सकरी के पार्षद अमित भारते व एक अन्य जितेंद्र मिश्रा पर ब्याज के लिए परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस इस केस की जांच कर रही है।
आत्महत्या से पहले एसपी के नाम पर चिठी लिखा
आत्महत्या करने से पहले ऋषभ ने बिलासपुर एसपी के नाम पर एक चिट्ठी लिखी। इसके बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली। जहर खाने के बारे में स्वजन को पता चला तो उसे गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एसपी के नाम लिखी चिट्ठी में तीन लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।
मामले को दबाती रही सकरी पुलिस
इस मामले को सकरी पुलिस दबाने की कोशिश कर रही थी। पुलिस कार्रवाई से मृतक के स्वजन भी नाराज हैं। पुलिस ने अभी तक सूदखोरों के खिलाफ कोई करवाई नहीं की है। जांच करने के नाम पर ऋषभ की मौत के जिम्मेदारों पर सकरी पुलिस मेहरबान हैं।
महीने का 30 प्रतिशत ब्याज, चक्रवृद्धि होती थी वसूली
इंजीनियर ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा की सूदखोर हर 10 दिन में 10 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलते। ब्याज में देरी होने पर उसे मूल रकम में जोड़ देते। इस तरह सूदखोरों ने मूल की रकम से ज्यादा ब्याज वसूली। इसके बाद भी उसे परेशान करते। सूदखोरों की प्रताड़ना से उन्होंने आत्महत्या की राह चुनी।
हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा सुसाइड नोट
घटना के बाद सकरी पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त किया है। सकरी थाना प्रभारी एएसआइ उदय भान सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा गया है। वही स्वजन से भी पूछताछ की गई है। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एक्सपर्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
जरूरी खबरें
विज्ञापन