कवर्धा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करती बिहान से जुड़ी महिलाएं।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार अपनी महत्पूर्ण योजनाओं में शामिल 'बिहान' की उपलब्धियां बताती हैं। वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी महिलाएं उपेक्षित हैं। कवर्धा (कबीरधाम) में मानदेय नहीं मिलने से भड़कीं महिलाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया। नारेबाजी करते हुए महिलाएं वहीं बाहर बैठ गईं। उनका कहना है कि सात माह से मानदेय नहीं दिया गया। ऐसे में वह दिवाली कैसे मनाएंगी। वहीं दूसरी ओर अफसर तीन माह का भुगतान जल्द करने की बात कह रहे हैं।
फरवरी माह से नहीं मिला मानदेय
दरअसल, बिहान के अंतर्गत काम करने वाली सैकड़ों महिलाएं सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंच गई। महिलाओं ने वहां जमकर हंगामा किया और अफसरों को भी खूब सुनाया। महिलाओं का कहना था कि वह एक गांव से दूसरे गांव जाकर स्वयं सहायता समूहों का निर्माण करती हैं। इसके लिए उनका तीन हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है, लेकिन उन्हें फरवरी माह से दिया ही नहीं गया है। उसके पहले भी जो मानदेय दिया गया, उसमें भी कटौती की गई। अब बिल्कुल ही देना बंद कर दिया गया है।
अफसर बोले-मानदेय देने के लिए फंड नहीं
महिलाओं ने कहा कि मानदेय नहीं मिलने के कारण उनको कर्ज लेकर अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ रहा है। अब दीपावली का त्योहार आने वाला है। इस त्योहारी सीजन में उन्हें खरीदारी करनी है, लेकिन सभी के हाथ खाली हैं। महिलाओं ने बताया कि वह जिला प्रशासन से अपने पिछले बचे हुए मानदेय की मांग को लेकर पहुंची थी, लेकिन अफसरों ने फंड रिलीज नहीं होने की बात कहकर असमर्थता जता दी। अफसरों के मना करते ही आक्रोशित महिलाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी।
मानदेय नहीं मिलने पर धरने की चेतावनी
किसी तरह अफसर अपनी ओर से महिलाओं को समझाते रहे, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि जब तक उन्हें पूरा मानदेय नहीं मिलेगा, वे कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरने पर बैठी रहेंगी। दूसरी ओर अफसरों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। उनका कहना है कि पूरा मानदेय देने में वे असमर्थ हैं। महिलाओं की जिद को देखते हुए वे दो माह का मानदेय दे सकते हैं।
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एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार अपनी महत्पूर्ण योजनाओं में शामिल 'बिहान' की उपलब्धियां बताती हैं। वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी महिलाएं उपेक्षित हैं। कवर्धा (कबीरधाम) में मानदेय नहीं मिलने से भड़कीं महिलाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया। नारेबाजी करते हुए महिलाएं वहीं बाहर बैठ गईं। उनका कहना है कि सात माह से मानदेय नहीं दिया गया। ऐसे में वह दिवाली कैसे मनाएंगी। वहीं दूसरी ओर अफसर तीन माह का भुगतान जल्द करने की बात कह रहे हैं।