: छत्तीसगढ़ में दरवाजे पर क्यों लगाते हैं धान की झालर, सीएम भूपेश बघेल में निभाते हैं ये परंपरा, जानें कारण
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प्रकृति के साथ मनाते हैं खुशियां
लोगों का मानना है कि इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और दरवाजे पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।
बाजारों में बिकती हैं झालरें
राज्य में धान की झालरों को अपने घरों में सजाने की परंपरा बहुत पुरानी है। धनतरेस के साथ ही बाजारों में भी झालरें बिकने लगती हैं। बाजारों में इस तरह की झालर की खूब डिमांड रहती है।
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