नौकरशाहीमध्यप्रदेशस्लाइडर

सरपंच-सचिव और उपसरपंच का कारनामा: फर्जी बिल लगाकर हड़पे पैसे, निर्माण कार्य में करप्शन, जांच के बाद भी एक्शन नहीं, कहीं अफसरों से सांठगांठ तो नहीं ?

गणेश मरावी डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में निर्माण कार्य समेत अन्य कार्यों में धांधली कर फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए का गबन करना आम बात हो गई है. जिम्मेदार जब चाहे तब खुद को आर्थिक फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी बिल लगाकर सरकारी खजाने से लाखों का बंदरबाट कर रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि कार्यों में की गई भ्रष्टाचारों की जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद और कार्रवाई के लिए प्रेषित की गई प्रतिवेदन की भी जांच जिला पंचायत कार्यालय में कई महीनों से लंबित है. यही कारण है कि भ्रष्टाचार करने वालों के हौसले बुलंद रहते हैं. इसी तरह का मामला जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत कूड़ा से सामने आया है, जहां के ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और उपसरपंच पर निर्माण कार्य समेत अन्य कार्यों में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत कलेक्टर से की थी. जिसकी जांच सहायक यंत्री, जिला गुणवत्ता निरीक्षक और एसडीएम ने की. सयुंक्त दल ने जांच कर जिला पंचायत कार्यालय को सौंप दिया, लेकिन जांच के तीन महीने अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण भ्रष्टाचार करने वालों को अधिकारियों पर बचाने के आरोप लग रहे हैं.

जांच में निकली कई अनियमितताएं

ग्रामीणों ने 6 सूत्रीय शिकायत कलेक्टर से कर जांच करने कार्रवाई की मांग की थी. इस मामले की जांच तीन सदस्यीय समिति ने की. जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत कूड़ा के सरपंच/सचिव और उप सरपंच के खिलाफ शासकीय राशि का दुरूपयोग करने के संबंध में जांच में पाये गये अनुसार राशि 62440 रुपये के देयक भुगतान में किसी भी प्रकार की नस्ती संचालन न करते हुए भंडार क्रय नियम के विरुद्ध भुगतान करना पाया गया. मप्र ग्राम पंचायत लेखाधिनियम की भी अवहेलना करना पाया गया. इसके साथ ही ग्राम पंचायत कूड़ा के सचिव/सरपंच द्वारा राशि 62440 रुपये 15 अगस्त 2022 में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में सामान्यतः होने वाले अनुमानित व्यय (स्वल्पाहर) से अधिक मात्रा का व्यय किया जाना पाया गया.

नल जल योजना के नाम से और अन्य योजना के नाम से कुल राशि 273951 रुपये आहरण जल-जल योजना के मरम्मत के नाम पर करना पाया गया, लेकिन उक्त बिलों के भुगतान में ग्राम पंचायत का प्रस्ताव अथवा पीएचई द्वारा प्राक्कलन, स्टीमेट आदि दस्तावेज संधारण नहीं पाये और व्यय पात्रतानुसार पंचायत कूड़ा द्वारा संबंधित सक्षम अधिकारी से अभिस्वीकृति प्राप्त करना नहीं पाया गया. भंडार क्रय नियम के अंतर्गत पालन नहीं करना पाया गया. अत्यधिक समय से ग्राम पंचायत कूडा में जल कर राशि की वसूली कार्य बंद पाया गया. जल चालक द्वारा जल कर की वसूली राशि का ग्राम पंचायत के नोडल खाते में उक्त राशि जमा न होना, ग्राम पंचायत सरपंच/सचिव के द्वारा राशि का दुरुपायोग करने को परिलक्षित करता है.

आंगनवाड़ी भवन और बाउंड्रीवाल जिसमें शिकायतकर्ताओं के समक्ष भौतिक सत्यापन के दौरान 2 खिड़की क्षतिग्रस्त पाई गई. आंगनवाडी के बरामदे का फर्श भी क्षतिग्रस्त पाया गया. उसे ठीक किया जाना उचित होगा. पुलिया निर्माण कार्य हाई स्कूल के पास उक्त कार्य की माप पुस्तिका ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है. प्राक्कलन अनुसार स्थल 17.91 मीटर लंबाई में अप्रोच में सीसी रोड बनाया जाना था जो कि नहीं बनाया गया. मात्र पाइप के उपर कांक्रीट किया गया था, जो कि उखड़ रहा है. पुलिया निर्माण कार्य को 5 वर्ष हो चुके 17.91 मीटर सीसी रोड का कार्य किया जाना उचित होगा. तालाब निर्माण कार्य डुमरिया में सप्लायर के फर्जी बिल, तालाब का स्थल, केचमेंट के आधार पर सही पाया गया. कार्य में संदेयकों का सत्यापन किया गया. जिसमें भुगतान संबंधी प्रक्रिया भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करना पाया गया है. ग्रेवल रोड निर्मााण कार्य मुख्य मार्ग से शांतिधाम तक स्वीकृति लागत 11.59 है. शिकायतकर्ताओं द्वारा 13 लाख राशि का निर्माण किया जाना बताया गया था, जो कि सत्य नहीं है. उक्त कार्य में 745 राशि आहरित की गयी है. कार्य प्रगतिरत है.

जिला पंचायत को कार्रवाई के लिए भेजी गई प्रतिवेदन

जांच प्रतिवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत कूड़ा के वर्तमान सरपंच वैभव परस्ते/सचिव और उपसरपंच ग्राम पंचायत कूड़ा के कार्यकाल में राशि 62440 रुपये 15 अगस्त 2022 में आयोजित राष्ट्रीय पर्व कार्यक्रम में सामान्यतः होने वाले अनुमानित व्यय (स्वल्पाहर) से अधिक मात्रा का व्यय किया जाना पाया गया. स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर देयकों के अनियमित भुगतान संबंधी शिकायत सत्य पाई गई. शेष बिन्दुओं पर तत्कालीन सरपंच और वर्तमान सचिव ग्राम पंचायत कूड़ा उप सरपंच द्वारा भंडार क्रय नियम और म.प्र. लेखाधिनियम के विरुद्ध कार्य करना पाये जाने के संबंध में संबंधितों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है. अब यह देखना होगा कि मामले को लेकर अधिकारियों के द्वारा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर जिला पंचायत में ही जांच प्रतिवेदन धूल खाती रहेगी.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Advertisements
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: