: CGPSC 2023 Result: टॉप-10 में 6 लड़के और 4 लड़कियां, फेल होकर टॉपर बना रवि, किसान की बेटी ने भरी उड़ान, किसी ने नौकरी छोड़ तैयारी की, जानिए टॉपरों की कहानी
टॉप-10 लिस्ट
- रविशंकर वर्मा
- मृणमयी शुक्ला
- आस्था शर्मा
- किरण राजपूत
- नंदिनी
- सोनल यादव
- दिव्यांश सिंह चौहान
- शशांक कुमार
- पुनीत राम
- उत्तम कुमार
रविशंकर वर्मा जिला रोजगार अफसर थे, पीएससी की तैयारी भी की
बलौदाबाजार जिले के कोसमंदी गांव निवासी रविशंकर वर्मा अभी बैकुंठपुर में जिला रोजगार अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। रविशंकर ने बताया कि उन्होंने एनआईटी रायपुर से साल 2012 में इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की। फिर मुंबई में प्लेसमेंट हुआ। यहां वे साल 2015 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे। 2015 में नौकरी छोड़ दी और रायपुर आ गए। फिर सिविल सर्विस की तैयारी की। मैंने साल 2017 से 5 बार परीक्षा दी। इस बार सफल हो गया।

डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना साकार- मृणमयी शुक्ला
मृणमयी शुक्ला अभी राज्य वित्त सेवा के पद पर कार्यरत हैं। ये उनका 6वां अटेंप्ट था। पति निलय तिवारी बिलासपुर सिम्स में डॉक्टर हैं। उन्होंने बताया कि वे 2016 में नायब तहसीलदार बनीं। 2018 में 6वीं रैंक थी। 2021 में डीएसपी के पद पर चयन हुआ। सपना डिप्टी कलेक्टर बनना था। इसलिए जॉब में रहते हुए तैयारी की है। सपना अब साकार हुआ।

नंदिनी साहू को दूसरे प्रयास में सफलता मिली
नंदिनी साहू ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। पहले प्रयास में 179वीं रैंक थी। नंदिनी मूलत: महासमुंद की हैं। वे बताती हैं कि जब वह 12वीं में थीं, तभी पिता मेघनाथ का निधन हो गया। उनकी चार बड़ी बहनें हैं। घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा। चारों दीदी जॉब में हैं। उनसे प्रेरित होकर पढ़ी और आगे बढ़ी। नंदिनी ने कहा कि दिवंगत पिता का सपना सच हुआ।

किसान की बेटी किरण सिंह राजपूत ने टॉप-4 में जगह बनाई
मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के वेंकट नवागांव की किरण सिंह राजपूत ने दूसरे प्रयास में सफल रहीं। पिता गजेंद्र सिंह राजपूत खेती करते हैं। बिलासपुर में रहकर तैयारी करते हुए पिछली बार किरण ने प्रवेश परीक्षा तो पास कर ली थी, लेकिन मुख्य परीक्षा में रह गईं। किरण बताती हैं कि वे माता-पिता ने उनकी परीक्षा की तैयारी में पूरा सहयोग किया।

18 नवंबर से शुरू हुए थे इंटरव्यू
साक्षात्कार 18 नवंबर से शुरू हुए थे। इंटरव्यू के आखिरी दिन गुरुवार रात फाइनल रिजल्ट जारी किए गए। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई गई है। इस बार साक्षात्कार 100 अंक का हुआ था। पिछले वर्षों की तुलना में 50 नंबर की कटौती की गई थी।
पहले 150 नंबर का इंटरव्यू होता था। इसे लेकर विवाद हुआ। मेंस के 7 पेपर, जिसमें प्रत्येक के लिए 200 अंक निर्धारित था। इसमें 1400 नंबर और इंटरव्यू 100 यानी कुल 1500 नंबर के आधार पर मेरिट बनी है।
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