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गरियाबंद में ट्रक से ग्रामीणों को कुचलने का प्रयास, VIDEO: हर रोज खदान से अवैध खनन, 150-200 ट्रैक्टर रेत की सप्लाई, रेत माफिया अधिकारियों की भी कर चुके हैं पिटाई

Chhattisgarh Gariaband illegal sand mining attempt to crush villagers with truck: गिरीश जगत,गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं का आतंक जारी है। गरियाबंद से लगे नवापारा थाना क्षेत्र में गुरुवार रात रेत माफियाओं ने 14-15 ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने की कोशिश की, अब इसका वीडियो भी सामने आया है। लोग ट्रक के सामने आकर उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे।

यहां हर दिन 150-200 ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है, इसके लिए 25-30 ट्रैक्टर लगे हुए हैं। इससे पहले भी रेत माफियाओं ने यूट्यूबर और ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी और खनन विभाग के अधिकारियों के साथ मारपीट की थी। तीनों मामलों का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें रेत माफिया दबंगई के साथ मारपीट और धमकी देते नजर आ रहे हैं।

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रेत परिवहन करते समय वाहन रोकने की शिकायत

वहीं, प्रशिक्षु डीएसपी प्रांशु तिवारी ने बताया कि हाइवा मालिक और ग्रामीणों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की है। ग्रामीणों ने अवैध उत्खनन की बात कही है और स्टॉक रेत परिवहन करते समय हाइवा चालक ने वाहन रोककर विवाद किया। मामले की जांच की जा रही है।

क्या है पूरा मामला?

मिली जानकारी के अनुसार अवैध परिवहन में लगे हाइवा क्रमांक सीजी 04 पीवी 2966 के चालक ने ग्रामीणों को कुचलने का प्रयास किया है। 14-15 लोग ट्रक तस्करी का विरोध कर ट्रक को रोक रहे थे, लेकिन चालक ने ट्रक नहीं रोका।

रायपुर-दुर्ग ले जाया जा रहा था रेत

रेत माफिया और चालक की दबंगई से नाराज ग्रामीणों ने रेत से भरे ट्रक का 300-400 मीटर तक पीछा कर उसे रोक लिया। जब ग्रामीणों ने ट्रक के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वह कोलियारी गांव से रायपुर-दुर्ग अवैध रूप से परिवहन कर रहा था। इस तरह रात में उस क्षेत्र से कई ट्रक रेत का परिवहन होता है।

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ग्रामीणों ने थाने में हंगामा किया

इस दौरान ग्रामीणों ने ट्रक को नवापारा पुलिस के हवाले कर दिया। साथ ही पुलिस में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि जब ग्रामीणों ने हंगामा किया, तब जाकर पुलिस रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने को राजी हुई। 15 ग्रामीणों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

भारी वाहनों के कारण सड़कें जर्जर हो गई हैं, दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है

शिकायतकर्ताओं में रविकुमार, चक्रधारी, अमितेश, वीरेंद्र यादव, गोपी, हेमकुमार समेत 15 लोगों ने कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध परिवहन के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। गांव की सड़क जर्जर हो गई है।

हर दिन दुर्घटना का डर सताता रहता है। बच्चे सड़क पर खेलते रहते हैं। भारी वाहन बड़ी संख्या में तेज गति से गुजरते हैं। पिछले 15 दिनों में ग्रामीणों ने दो बार विरोध भी जताया, लेकिन परिवहन बंद नहीं हुआ।

ट्रेक्टर से रेत निकालकर हाइवा से बेची जा रही है

गरियाबंद जिले के रेत घाट में जब हाइवा का विरोध शुरू हुआ तो तस्करों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। माफिया राजनीतिक प्रभाव वाले फिंगेश्वर ब्लॉक के लछलेरा, पोड़, पांडुका, पंडरी तराई, कोपरा, फिंगेश्वर की नदी, बलरामपुर बिडोरा जैसे 12 से अधिक स्थानों पर ट्रैक्टर से रेत डंप कर रहे हैं।

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9-10 हजार रुपए प्रति टिपर बिकती है रेत

बताया जा रहा है कि वे रायपुर से आने वाले टिपर में रेत लोड कर बेच रहे हैं। रेत माफिया 9-10 हजार रुपए प्रति टिपर वसूल रहे हैं। यही रेत रायपुर के इलाकों में 20 से 25 हजार में बिकती है और दुर्ग में इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है।

रेत माफिया को राजनीतिक समर्थन

धमतरी-गरियाबंद सीमा पर मोहेरा घाट से रोजाना 10 से 15 ट्रक रेत का परिवहन होता है। धमतरी जिले के माफिया गरियाबंद के कुछ दलालों से मिलीभगत कर इस कारोबार को चला रहे हैं। मोहेरा घाट पर रेत लेकर जाने वाले ट्रक जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर पंतोरा मोड़ से पहले दिनदहाड़े खड़े रहते हैं।

रेत माफिया को राजनीतिक समर्थन

सबकी आंखों के सामने काम चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार लोग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2 जिलों में राजनीतिक समर्थन से प्रतिबंध अवधि में रेत से लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं। इसके अलावा फिंगेश्वर ब्लॉक के लछलेरा में भी खनन चल रहा है।

हमारी टीम अवैध खदानों पर छापेमारी करती है

इस मामले में जिला खनिज अधिकारी फागुलाल नागेश ने बताया कि सूचना मिलने पर हमारी टीम अवैध खदानों पर छापेमारी करती है, लेकिन रेत तस्कर नहीं मिलते हैं। जब भी सूचना मिलती है, हमारी टीम मौके पर पहुंचती है, लेकिन कोई रेत माफिया नहीं मिलता है।

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