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छत्तीसगढ़ में लाई-फाई का मॉडल: वाई-फाई से चलेगा कई गुना तेज, 28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों को पछाड़ा, जानिए कौन है गरियाबंद की साक्षी ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के पांडुका में पढ़ने वाली साक्षी को चेन्नई में आयोजित अंतरिक्ष दिवस पर बालिका वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया गया। युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता में साक्षी ने इनोवेशन मॉडल के तहत वाई-फाई से कई गुना तेज चलने वाले लाई-फाई का मॉडल बनाया था।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi: चंद्रयान 3 की सफलता पर भारत सरकार ने 23 अगस्त को चेन्नई में युवा वैज्ञानिक भारत पुरस्कार समारोह का आयोजन किया था, जिसमें लाई-फाई का मॉडल बनाकर सबको चौंका देने वाली साक्षी जायसवाल को भी सम्मानित किया गया।

चेन्नई में पहली बार आयोजित अंतरिक्ष-दिवस पर अतिथि के रूप में आए रूस और कजाकिस्तान के अंतरिक्ष यात्री एडिन ऐम्बेटोव, सर्गेई कोर्साकोव और स्पेस इंडिया के प्रमुख डॉ. केसन ने साक्षी को सम्मानित किया और उसे प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। इस प्रमाण पत्र के साथ ही साक्षी को अब बाल वैज्ञानिक की उपाधि भी मिल गई है। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई नामी वैज्ञानिक मौजूद थे।

साक्षी ने प्रकाश तरंग से डिवाइस को जोड़ने का मॉडल बनाया था।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi:  यंग साइंटिस्ट इंडिया की ऑनलाइन प्रतियोगिता पिछले 6 महीने से चल रही थी। मॉडल को कई राउंड में प्रस्तुत करना था। जिले के नवोदय विद्यालय में कक्षा 10 की छात्रा साक्षी ने भी अपने स्कूल में इनोवेशन सिस्टम के तहत कई मॉडल बनाए थे। इनमें से एक है लाईफाई। यह वाई-फाई से भी तेज है।

साक्षी ने बताया कि हमने किसी डिवाइस को ब्लूटूथ या वाई-फाई से कनेक्ट करने की बजाय लाइट वेव से डिवाइस कनेक्टर बनाया, जिसे लाईफाई नाम दिया। इससे रेडिएशन का खतरा नहीं है।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi: इस इनोवेटिव मॉडल का चयन राज्य स्तर पर जोनल स्तर पर भी हुआ है। साक्षी के पिता पीएल जायसवाल देवभोग डीएवी के पूर्व प्राचार्य और बेमेतरा डीएवी की प्राचार्य हैं, उनकी मां सुनीता जायसवाल भी कवर्धा में शिक्षिका हैं।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi:  साक्षी की तरह इस आयोजन में महासमुंद जिले की दो बेटियों के अलावा बेमेतरा जाता डीएवी स्कूल के 8 विद्यार्थियों को यंग साइंटिस्ट का खिताब मिला है।

28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

यंग साइंटिस्ट इंडिया कार्यक्रम में भारत भर के 28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें से 103 विद्यार्थियों का चयन ग्रैंड फिनाले के लिए हुआ। साक्षी ने यंग साइंटिस्ट इंडिया के तीनों चरणों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और ग्रैंड फिनाले में पहुंची।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi:  भाई पीयूष जायसवाल भी सबसे कम उम्र के बाल वैज्ञानिक हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र राम और शिक्षकों ने साक्षी जायसवाल को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

रात और तीव्रता के मुद्दे

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi: रात के समय हमने अपने घर की सभी लाइटें बंद कर दीं, लेकिन डेटा ट्रांसमिशन जारी रहा क्योंकि हमारे घर में कुछ कम तीव्रता वाली लाइटें हैं, जिन्हें मानव आंखों से नहीं बल्कि सेंसर द्वारा कैप्चर किया जा सकता है।

वाईफाई की तरह राउटर का उपयोग किए बिना हम लाइट के माध्यम से ही अपने घर में वाईफाई का उपयोग कर सकते हैं। LIFI ट्रांसमिशन में कम तीव्रता वाले प्रकाश का भी उपयोग किया जा सकता है जिसे कोई नहीं देख सकता है लेकिन हमारे मोबाइल सेंसर की क्षमता केवल डेटा और पावर भी प्राप्त करती है।

पानी के अंदर संचरण

पानी के नीचे कोई भी रेडियो सिग्नल नहीं गुजर सकता लेकिन लाइफ़ाई पानी के अंदर भी डेटा संचारित कर सकता है।

सुरक्षा

WIFI का उपयोग बाहर से आसानी से किया जा सकता है या हैक किया जा सकता है लेकिन LIFI वोल्ट रूम से बाहर नहीं हो सकता है इसलिए किसी को LIFI तक पहुंच नहीं मिल सकती है या कोई भी LIFI का पासवर्ड हैक नहीं कर सकता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित या अत्यधिक सुरक्षित है।

Chhattisgarh Gariaband Sakshi Li-Fi Model Wi-Fi: स्थानीय वाईफ़ाई का उपयोग कई उपकरणों द्वारा एक कमरे या तिजोरी के बाहर या किसी अन्य जगह से किया जा सकता है और वाईफ़ाई की पहुंच किसी के लिए भी बहुत आसान है।

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