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रायपुर में MBBS के 50 स्टूडेंट्स से रैगिंग: हॉस्टल में 50 स्टूडेंट्स के सिर मुंडवाए, जूनियर लड़कियों की फोटो मांगी, कहा-तेल लगाकर आना

Raipur Medical College Ragging Case MBBS Students Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों की रैगिंग की गई है। सीनियर छात्रों ने करीब 50 छात्रों की पिटाई की और उनके सिर मुंडवा दिए। साथ ही स्पेशल तेल लगाने और स्कूल शूज, स्कूल बैग ड्रेस कोड में लाने को कहा।

मिली जानकारी के अनुसार, एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्रों ने अक्टूबर 2024 में प्रथम वर्ष की छात्राओं की रैगिंग की थी। छात्राओं ने शिकायत की थी कि उन्हें हॉस्टल में परेशान किया जाता है। सीनियर्स ने जूनियर छात्राओं की फोटो भी मांगी है।

एंटी रैगिंग सेल ने 10 दिन के लिए सस्पेंड किया

मामले में जूनियर्स ने 26 अक्टूबर को एंटी रैगिंग सेल में शिकायत की थी। शिकायत सही पाए जाने पर कमेटी ने एमबीबीएस 2023 बैच के द्वितीय वर्ष के दो छात्रों अंशु जोशी और दीपराज वर्मा को 10 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है।

अंशु जोशी और दीपराज वर्मा को सभी कक्षाओं में जाने और क्लिनिक पोस्टिंग से रोक दिया गया है। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज ने यह कार्रवाई 4 नवंबर को की।

परिजनों द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन से शिकायत के बाद हुई कार्रवाई

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) रायपुर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि पिछले महीने शिकायत मिली थी। सीनियर्स ने छात्राओं को एक खास तरह का तेल लगाकर ड्रेस कोड में आने को कहा था। शिकायत के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।

इसके बाद परिजनों व अन्य लोगों ने दिल्ली में नेशनल मेडिकल कमीशन से शिकायत की। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नेशनल मेडिकल कमीशन को टैग किया, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया और कार्रवाई की।

व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा था- 10 तारीख के बाद असली रैगिंग

डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि मामले को पूरी तरह से रफा-दफा कर दिया गया है, दो छात्रों को 10 दिन के लिए सस्पेंड किया गया है। जिसमें से 5 दिन छुट्टियां हैं। वहीं सीनियर्स अभी भी इस मामले में जूनियर्स को धमका रहे हैं। वे कह रहे हैं कि असली रैगिंग 10 तारीख के बाद होगी।

उन्होंने कहा कि मामले की जांच शासन स्तर पर होना जरूरी है, ताकि कॉलेज की छात्राओं के साथ कोई अप्रिय घटना न हो। मामला काफी गंभीर और बड़ा हो गया है। इसलिए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ उनकी लापरवाही के चलते कार्रवाई की जानी चाहिए।

डीन ने बयान देने से किया इनकार

इस मामले में जब मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी से बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह का बयान देने से इनकार कर दिया।

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