: Delhi Riots Tahir Hussain Case: दिल्ली दंगा के आरोपी की जमानत पर बंट गए सुप्रीम कोर्ट के 2 जज, जानिए किस जस्टिस ने क्या कहा ?
MP CG Times / Thu, Jan 23, 2025
Delhi Riots Tahir Hussain Case: दिल्ली दंगों के आरोपी और विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच आम सहमति नहीं बना पाई।
Delhi Riots Tahir Hussain Case: बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर को जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका खारिज कर दी। सीजेआई संजीव खन्ना 3 जजों की नई बेंच बनाएंगे। जस्टिस मित्तल ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत देने से भानुमती का पिटारा खुल जाएगा। चुनाव पूरे साल होते हैं। हर कैदी यह दलील लेकर आएगा कि उसे चुनाव लड़ने के लिए जमानत दी जाए। Delhi Riots Tahir Hussain Case: जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि आरोपी मार्च 2020 से जेल में है। उसे चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी जानी चाहिए। यह जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है, इसलिए हर दिन सुनवाई हो रही है।कोर्ट रूम लाइव-
ताहिर हुसैन की जमानत पर जस्टिस मित्तल, जस्टिस अमानुल्लाह ने दलीलें सुनीं। दिल्ली पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और ताहिर की ओर से एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए।
- जस्टिल मित्तल: चार्जशीट में ताहिर पर गंभीर आरोप हैं। उसके घर और ऑफिस की छत को दंगों में इस्तेमाल किया गया था। चुनाव के लिए 10-15 दिनों का प्रचार काफी नहीं है। विधानसभा में लंबे समय तक काम करना पड़ता है। जबकि आरोपी 4 सालों से जेल में था। उसे रिहा करने का कोई कारण नहीं है।
- जस्टिस अमानुल्लाह: आरोप गंभीर और संगीन हैं लेकिन वे केवल आरोप ही हैं। आरोपी ने जेल में करीब 5 साल गुजारे हैं। धारा 482 और 484 BNSS 2023 के तहत 4 फरवरी तक अंतरिम जमानत दी जा सकती है। इसके बाद ताहिर सरेंडर कर देगा।
- जस्टिस मित्तल: आरोपी को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती। रिहाई के बाद आरोपी प्रचार करने उस इलाके में जाएगा जहां दंगे हुए और गवाह रहते हैं। उसकी गवाहों से मिलने की संभावना है।
- एसवी राजू: एक जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में है। ताहिर पहले आम आदमी पार्टी में था और अब AIMIM ने उन्हें टिकट दिया है। चुनाव में प्रचार सिर्फ अंतरिम जमानत लेने का बहाना है। इसके बाद रेपिस्ट भी बेल मांगेंगे।
- जस्टिस अमानुल्लाह: हाईकोर्ट ने माना कि नामांकन भरने के लिए पैरोल दी जा सकती है। चुनाव आयोग ने भी कहा है कि हुसैन चुनाव के लिए अयोग्य नहीं है।
- एसवी राजू: उसे नामांकन भरने की परमिशन देने का चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने से कोई लेना-देना नहीं है। नामांकन से प्रचार करने का अधिकार नहीं मिलता।
- एसवी राजू: ताहिर UAPA और मनी लॉन्ड्रिंग में भी आरोपी है। भले ही इस मामले में जमानत मिल जाए लेकिन उसे जेल में ही रहना होगा। क्योंकि UAPA केस में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं मिलती है।
- एडवोकेट सिद्धार्थ: UAPA और PMLA मामलों में नियमित और अंतरिम जमानत की याचिकाएं लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने PMLA मामले में CBI केस लंबित होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है।
- एसवी राजू: ताहिर के लिए पार्टी प्रचार कर सकती है। हुसैन के एजेंट अभी भी उनके लिए प्रचार कर सकते हैं।
- जस्टिस अमानुल्लाह: जमानत देने के बाद चुनाव बराबरी का होगा। 5 साल में केस आगे क्यों नहीं बढ़ा है। हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते।
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