Mahtari Vandan Yojana ends financial problems of mother-in-law and daughter-in-law: छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से करीब 90 किलोमीटर दूर पहाड़ों से घिरा गाँव है कारीमाटी… पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले इस गाँव में खपरैल वाले कच्चे मकान में एक साथ रहने वाली सास-बहू मंगली बाई और प्रमिला बाई को बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में रहना पड़ता है। इनके छोटे से गाँव से अन्य गाँव की दूरी अधिक होने और रास्ते में घना जंगल और पहाड़ होने की वजह से रोजी-मजदूरी का काम भी मिल नहीं पाता है।
ऐसे में कई जरूरी कार्यों के लिए आर्थिक तंगी के बीच जीवन में भी उदासी थी। महतारी वंदन योजना प्रारंभ होने के बाद नगदी के लिए तरसते सास-बहू को अब खाते में ही हर महीने रुपए मिल जाते हैं, जिससे उन्हें अब जरुरत का सामान खरीदने में कोई परेशानी नहीं आती। हर महीने मिलने वाली महतारी वंदन की राशि इनकी उदासी हटाने के साथ ही खुशियों की वजह भी बन जाती है।
कोरबा जिले के दूरस्थ ग्राम कारीमाटी में रहने वाली प्रमिला बाई और उनकी सास मंगली बाई ने बताया कि अन्य गाँवों से उनके गाँव की दूरी अधिक होने की वजह से वे कहीं जा नहीं पाते। गाँव में जो थोड़े बहुत खेत हैं उनमें ही खेती-किसानी में सहयोग कर लेती हैं। गाँव में दूसरी मजदूरी मिलना मुश्किल है।
आसपास के गांवों की दूरी इतनी अधिक है कि वे चाहकर भी जा नहीं सकते। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना प्रारंभ होने के समय सास-बहू दोनों ने आवेदन जमा किया था। योजना से जुड़ने के बाद हर महीने उनके बैंक खाते में एक हजार की राशि आती है। इस राशि से घर में किराना सहित अन्य जरूरतों की पूर्ति आसानी से हो पाती है।
मंगली बाई ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा महतारी वंदन योजना शुरू किए जाने पर हम जैसी पहाड़ और वनांचल क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को खुशहाल जीवन का एक आधार मिल गया। ग्रामीण महिलाओं के लिए एक हजार की राशि कोई छोटी रकम नहीं होती। उन्होंने कहा कि वह अपनी बहू के साथ हर महीने बैंक जाकर पैसा निकाल लाती है और इस राशि का उपयोग घर के बहुत जरूरी कार्यों में करती है।
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