जबलपुर। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पर रोक लग गई है. शिवराज कैबिनेट में चुनाव रोके जाने पर सहमति बन गई है. कैबिनेट बैठक में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने पंचायत चुनाव कराए जाने का अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया. इस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राज्यपाल ने भी मुहर लगा दी है. राज्यपाल की मुहर के बाद अध्यादेश वापसी का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश वापस लेने का गजट नोटिफिकेशन जारी. इसके बाद अब शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पंचायत चुनाव को 4 महीने रोकने की दरख्वास्त किया है.
बता दें कि मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग है. केंद्र ने याचिका में कहा है कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराना जनादेश के खिलाफ है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट से 4 महीने के लिए चुनाव टालने की मांग की है.
केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि 3 महीने में ओबीसी आयोग अपनी रिपोर्ट दे देगा. सुप्रीम कोर्ट का आदेश ओबीसी को 5 साल के लिए चुनाव से वंचित कर देगा. ओबीसी की 51% आबादी के हिसाब से पंचायत चुनाव में 27% रिजर्वेशन देना कानून संगत है.
इसके पहले कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने ट्वीट कर कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन एक निश्चित समय में सत्य जरूर विजय होता है. आज सत्य की विजय हुई. बाबा साहब अंबेडकर के सविधान से छेड़छाड़ करने वाली भाजपा सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा.
प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के इशारे को समझा. 2014 के आरक्षण को निरस्त कर दिया. अब हम 2022 के चुनाव के लिए रोटेसन के आधार पर नये आरक्षण के लिए तैयार हैं.
प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि इस अध्यादेश के आधार पर पंचायत चुनाव हो रहे थे. उस अध्यादेश को वापस लेने पर रोक के हालात बनते हैं. राज्य सरकार ओबीसी आबादी और वोटरों की भी गिनती कर रही है. इसके अलावा शिवराज कैबिनेट की बैठक में हंड्रेड डायल योजना को मंजूरी दे दी गई. ये योजना जारी रहेगी. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन के लिए 215 करोड़ के बजट को मंजूरी मिल गई है. प्रदेश में 65 कन्या छात्रावास खोले जाएंगे.
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसके संकेत दे दिए थे. उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए कहा था कि लोगों की जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है. मैं सीएम शिवराज सिंह के सामने अपनी बात रखूंगा. जान है तो जहान है. कोरोना काल में हुए चुनाव से काफी नुकसान हुआ था. दहशत और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव टाले जाने चाहिए.
कोरोना को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा था 18 साल से कम उम्र के बच्चे जो भारत के भावी निर्माता हैं हम रिस्क नहीं ले सकते हैं. लेकिन कोचिंग सेंटर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए चलाएं. विगत 24 घंटे में कोरोना के 32 नए प्रकरण आए हैं. जबकि 14 स्वस्थ होकर घर गए हैं. अभी प्रदेश में 209 एक्टिव केस हैं. कल कोरोना जांच के लिए 62 हजार 900 सैम्पल लिए गए.
सीएम से चुनाव टालने पर चर्चा
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा पंचायत चुनाव टालने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. गृह विभाग स्थिति को देखते हुए आगे फैसले लेगा. कोरोना के कारण पंचायत चुनाव टालने चाहिए. मैं सीएम के सामने अपनी बात रखूंगा. बीजेपी कभी चुनाव से नहीं बचती है. ये काम कांग्रेस करती है, क्योंकि बीजेपी कोर्ट नहीं गई थी.
बता दें कि ओबीसी आरक्षण पर चल रहे सियासी घमासान को देखते हुए शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव को टालने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही विधानसभा में संकल्प पारित करवा चुके हैं. इसके तहत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होगा. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिस पर जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है.
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