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राजेंद्रग्राम में खतरे में स्कूली बच्चियां ! सांसद-विधायक के गृहग्राम में नियमों की उड़ी धज्जियां, कन्या छात्रावास के पास धड़ल्ले से बिक रही शराब, जिम्मेदारों की आंखों पर पट्टी, क्या किसी अनहोनी का इंतजार ?

अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ को शराब माफिया दारू भट्ठी की मदद से शराबगढ़ में तब्दील करने की वीणा उठा लिया है, लेकिन मजाल है कि पुलिस और आबकारी विभाग इस पर कोई कार्रवाई करने की जहमत उठाए. युवा पीढ़ी को गर्त में धकेलने में जिम्मेदार भी अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन इनको क्या है ? इनकी फैमली, इनका परिवार, इनका बेटा थोड़ी बर्बाद हो रहा है ?. इससे भी हैरानी की बात ये है कि कन्या छात्रावास से करीब 20-30 मीटर की दूरी पर है ये शराब दुकान, जो नियम विरूध्द है. इससे भी चौंकाने वाली बात ये है कि ये सांसद और विधायक का गृहग्राम है, लेकिन मजाल है कि इधर किसी की नजर पड़ जाए. यहां आए दिन लड़ाई झगड़े होते रहते हैं और बगल में बच्चियां रहती हैं, लेकिन किसी अनहोनी को लेकर कोई सजग नजर नहीं आ रहा है.

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आंख पर पट्टी बांध बैठे जिम्मेदार

राजेंद्रग्राम बस स्टैंड में खुलेआम शराब परोसी जा रही है. बेखौफ जाम छलकाए जा रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग और पुलिस विभाग आंख पर पट्टी बांधकर बैठा है. कार्रवाई के नाम पर कमीशन की बू आ रही है. राजेंद्रग्राम में अगल-बगल में दो शराब की दुकानें है, जिसमें एक कन्या छात्रावास से बिल्कुल सटा हुआ है. ये शराब दुकान मासूम बच्चियों के लिए खतरा न बन जाए.

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बंद करने बाद फिर खुली शराब दुकान

दरअसल, जिस कन्या छात्रावास में छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए शराब दुकान को दूसरे जगह ट्रांसफर किया गया था, उसी शराब दुकान को वापस खोल दिया गया है. यह कारनामा किरगी ग्राम पंचायत ने किया है, क्योंकि दुकान पंचायत की ही है, जिसे शराब शॉप खोलने के लिए आबंटित कर दिया गया है. बस स्टैंड में यात्रियों की आवाजाही की वजह से भीड़ होती है. अब शराब प्रेमियों का भी जमावड़ा लगा रहता है. कई बार तो विवाद की स्थिति बन जाती हा. मारपीट तक हो जाते हैं. इससे छात्राएं डरी सहमी सी आती-जाती हैं, जिसे जिम्मेदार नजरअंदाज कर रहे हैं.

राजेंद्रग्राम में खतरे में स्कूली बच्चियां ! सांसद और विधायक के गृहग्राम में जिम्मेदार मौन, छात्रावास के पास पंचायत ने फिर खुलवा दी शराब दुकान, क्या किसी अनहोनी का इंतजार ?

न सांसद न विधायक को पड़ता फर्क

पुष्पराजगढ़ से बीजेपी सांसद हिमाद्री सिंह और कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को आते हैं. यदि पंचायत ने बच्चियों की फिक्र नहीं की, तो कम से कम नेताओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए था, लेकिन वो अपनी चमकाने में लगे हुए हैं, क्योंकि चुनाव का समय आ गया है. यहां जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलनी चाहिए. हालांकि जब राजनीति करनी होती है, तब मैदान में उतरते हैं.

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चोरी छुपे बिक रही कच्ची शराब

सूत्र ये भी बताते हैं कि बस स्टैंड में चोरी छुपे कच्ची शराब भी जमकर बेची जा रही है. प्रतिदिन कई लीटर शराब लोग पी जाते होंगे, लेकिन पुलिस इस कार्रवाई नहीं करती है. हालांकि दिखावे के लिए ग्रामीण इलाकों में कच्ची शराब पर कार्रवाई जरूर करती है. ऐसे में बस स्टैंड पर शराबियों का जमावड़ा होने से छात्राओं को कई परेशानियों को गुजरना पड़ सकता है.

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हॉस्टल से 20-30 मीटर की दायरे में शराब दुकान

बड़ा सवाल यह है कि बस स्टैंड में शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है. बावजूद इसके क्या पंचायत इसकी जिम्मेदारी लेगा कि शराबबियों से छात्राओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, क्योंकि गेट दूर है, लेकिन हॉस्टल 20 से 30 मीटर की दायरे में हैं. ऐसे में बच्चियों पर खतरा मंडराता रहेगा. इस ओर न नेता ध्यान दे रहे न अधिकारी. इन्हें क्या किसी अनहोनी का इंतजार है ?

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गांव-गांव में शराब बेच रहा ठेकेदार ?

बता दें कि होली के दूसरे दिन ग्रामीणों ने पैकारी वाली गाड़ी को पकड़ा है. शराब ठेकेदार गाड़ी में लेकर शराब की बिक्री कराता है. गांव गांव में जाकर शराब बेचता है, जिससे युवा बुजुर्ग गर्त में जा रहे हैं. यूं कहें की नशे की जद में युवा पीढ़ी जा रही है, लेकिन इसको रोकने की किसी में हिम्मत नहीं है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये सब खेल कहीं कमीशन में तो नहीं चल रहा है ?.

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