गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में शिक्षा विभाग के एक से एक कारनामे हैं, जो आए दिन नजर आते रहते हैं. कभी अफसरों के तो कभी शिक्षकों के किसी से छिपे नहीं हैं. हाल ही में एक शिक्षक ने बड़ा कारनामा किया है. अधिकारियों से सांठगांठ कर स्कूल से गायब रहता है. स्कूल में भले ताला जड़ा रहे, लेकिन मजाल है कि साहब स्कूल में ठहर जाएं. बताया तो यहां तक जाता है कि ये शिक्षक BEO के खासम-खास हैं, जो कभी-कभी स्कूल आते हैं और दस्तख्त कर छू मंतर हो जाते हैं. पूरा मामला मैनपुर ब्लॉक का है.
कहा तो यहां तक जाता है कि इससे BRC भी अंजान नहीं है, लेकिन क्या करेंगे शिक्षक के सिर पर BEO का हाथ है, जिससे शिक्षक का रुतबा देखते ही बनता है. स्कूल में ताला जड़कर कलेक्टर के दौरे पर नजर आते हैं. अधिकारी और अफसर कलेक्टर की आंखों में खूब धूल झोंकते हैं, जबकि कलेक्टर शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने न पहाड़ी देखते न ही खराब रास्ते, लोगों से मिलने पहुंच जाते हैं, लेकिन सरकारी नुमाइंदें उनको ही ठेंगा दिखाते हैं.
दरअसल, गरियाबंद में उपेक्षा के शिकार मैनपुर ब्लॉक में शिक्षा विभाग बेपटरी हो गया है. पोस्टिंग के बाद मैनपुर के गरीबा प्राथमिक स्कूल से गोल मारने वाला शिक्षक आज छुरा ब्लॉक दौरे में निकले. कलेक्टर के पास नजर आए. शिक्षक का कहना है कि दोनों बीईओ के मौखिक सहमति से मैं दौरे में मौजूद था.
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पोस्टिग के बाद इलाके के भौगोलिक परीस्थिति से रूबरू होने के बाद कलेक्टर छिकारा स्वास्थ्य व शिक्षा के गुणवत्ता पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. लगातार दुर्गम और पहुंच विहीन इलाके का दौरा कर रहे हैं. छुट्टियों के दिन भी उनकी सक्रियता दुर्गम इलाके में नजर आई है. आज वे छुरा ब्लॉक के दौरे पर थे.
छुरा संकुल के स्कूलों में जाकर गणवेश, पाठ्य पुस्तक वितरण समेत अन्य जानकारी ले रहे थे. उनके इस दौरे में मैनपुर ब्लॉक के गरिबा प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुनील राजपुत भी नजर आया. छुरा बीआरसीसी महेश राम के साथ बगल में खड़े होकर छुरा के जवाबदार कर्मी की तरह पेश हो रहे थे. तस्वीर सामने आने के बाद हमने रायपूत से वजह पूछा तो जवाब चौंकाने वाले थे.
शिक्षक ने कहा कि जहां कलेक्टर का दौरा हुआ था, उस संकुल का वह पहले समन्वयक था. आज छुरा बीईओ बैठक के कारण बाहर थे. अफसर को जवाब देने में सहूलियत हो इसलिए छुरा और मैनपुर बीईओ के आपसी और मौखिक सहमति से वह छुरा बीआरसीसी के साथ साथ चल रहे थे. राजपूत ने कहा कि वह मैनपुर से छुरा आज ही आया है, कल पुनः वापस चले जाएंगे.
मामले में पक्ष जानने छुरा बीईओ किशुन मतवाले से संपर्क किया गया तो वे जे डी बैठक का हवाला देकर कोल काट दिए. मैनपुर बीईओ सी एस मिश्रा ने पहले तो मामले से अंभिज्ञता जाहिर किया,फिर उन्होंने कहा की बात तो हुई थी, लेकिन राजपूत गरिबा में नदारद रहता है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
निगरानी नहीं इसलिए नदारद, किताब और गणवेश तक नहीं बंटा
मामले में जब में हमने सुनील राजपूत के पदस्थ स्कूल के बारे में उनकी उपस्थिति की जानकारी ली, तो शिक्षक की मनमौजी हरकत का पता चला. जिला शिक्षा समिति के सभापति व उस इलाके में रहने वाले संजय नेताम ने पालक व शिक्षा समिति से मिले जानकारी के हवाले से बताया कि नए शिक्षा सत्र में सुनील केवल 4 से 5 दिन आएं होंगे. वहां प्रधान पाठक का भी वही हाल है. 91 स्कूल वाले स्कूल का एक मात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा है. संजय ने कहा की निगरानी नहीं होने के कारण शिक्षक मौज उड़ा रहे हैं. शोभा और भूतबेडा संकुल में किताब व गणवेश तक नहीं बटा है.
शो कॉज नोटिस तक नहीं
सुनील की अनुपस्थिति की पुष्टि मैनपुर बीआरसीसी सी एस नाग भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया की सत्र के पहले दिन 11 बजे जब पहूचा तो गरिबा स्कूल बंद मिला. अन्य दिनों में उसकी अनुपस्थिति की सूचना भी मिली. आज शोकॉज नोटिस बना कर रखे थे. बीइओ साहब के दतख्त नहीं होने के कारण तामील नहीं हुआ.
हैरानी की बात तो यह है की निगरानी करने वाले उस इलाके के संकुल समन्वयक सत्र आरंभ के बाद से आज तक मुख्यालय में हाजिरी नहीं दिया है. बीआरसीसी बोले दो संकुल के प्रभार वाले समन्वयक संतोष कुमार का महीने भर से मोबाइल बंद बता रहा है.
शिकायत पर तबादला हुआ था सुनील का
मिली जानकारी के मुताबिक छुरा ब्लॉक में पदस्थ शिक्षक सुनील स्कूल के बजाए बीईओ दफ्तर में ज्यादा दिखाई देते थे. शिकायत हुई तो सितंबर माह में सुनील का तबादला मैनपुर ब्लॉक में ओडिसा सीमा में बसे गरिबा में किया गया. इस आदेश के खिलाफ सुनील कोर्ट की शरण में भी गया, जंहा तबादला को जायज बताया गया.
छुरा बीईओ के कितने करीबी है उसका अंदाजा इसी से लगाया गया कि सुनील को मैनपुर ज्वाइन कराने छुरा बीईओ अपने कार में मैनपुर लेकर आए थे. तबादला के बाद भी छुरा से सुनील का मोह भंग नही हुआ है जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
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