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डिंडौरी में कांग्रेस की डगमगा रही रियासत: BJP, गोंगपा समेत निर्दलीय बनेंगे रोड़ा, युवा चेहरे पर दांव खेलने की मूड में जनता ?

गणेश मरावी, डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी विधानासभा चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। 15 साल के कांग्रेस की राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ने बागी युवा नेता मैदान में पैर जमा चुके हैं। गांव-गांव पहुंचकर लोंगो से जनसंपर्क कर रहे हैं. वहीं कई पार्टियों के प्रत्याशी भी अपने-अपने चुनावी वादों के साथ लोंगों के बीच पहुंच रहे हैं।

Dindori Assembly
Dindori A

नए चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी में जनता

साथ ही डिंडौरी विधानसभा में भाजपा का भी 15 साल से दाल नहीं गल रहा है। इस बार भाजपा नए चेहरे को मैदान में उतारकर जीत दर्ज कराने एड़ी चोटी की जोर लगा रही हैं। वहीं डिंडौरी में अब नए चेहरे पर जनता दांव खेलने की तैयारी में है।

मरकाम के रास्ते पर युवा बनेंगे रोड़ा

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने नवरात्रि के पहले दिन ही 144 उम्मीदवारों का नाम घोषणा कर दिया है, जिसमें डिंडौरी में मौजूदा विधायक ओमकार मरकाम को दोबारा टिकट देकर भरोसा जताया है। विधायक ओमकार मरकाम ने इससे पूर्व में भाजपा पप्रत्याशी को काफी अंतर से हराते आ रहे हैं।

निर्दलीय बिगाड़ेंगे कांग्रेस का समीकरण

इस बार भाजपा ने डिंडौरी से पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम को मैदान में उतारा है। वहीं गोंगपा से हरेंद्र मार्काे और रूदेश परस्ते निर्दलीय चुनाव लड़ने पूरी ताकत झोंक दी है। इनके अलावा अन्य पार्टियां भी तैयारियों में जुटे हैं।

इस बार रोमांचक होगा मुकाबला

डिंडौरी विधानसभा में राजनीतिज्ञों ने चुनावी समीकरण बैठाने में जुट गए हैं। दिन रात मतदाताओं के गांव घरों में दस्तक दे रहे हैं। साथ ही चुनावी वादों की झड़ी लगा रहे हैं। चुनाव की तारीख नजदीक आते ही प्रत्याशियों की धड़कनें बढते जा रही है।

डिंडौरी विधानसभा में रोमांचक मुकाबला

वहीं 15 साल के कांग्रेस रियासत को मात देने भाजपा समेत कई पार्टियां एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा रहा है कि डिंडौरी विधानसभा की चुनाव इस बार रोमांचक होने वाला है। फिलहाल जब तक चुनाव नहीं हो जाते तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है।

वनांचल क्षेत्र में जीतने के बाद नहीं पहुंचे विधायक

बताया जा रहा है कि डिंडौरी विधानसभा में 15 साल से कांग्रेस से ओमकार मरकाम विधायक हैं, लेकिन जीतने के बाद कभी भी गांवों में नहीं आए हैं। जब गांवों में जाकर ग्रामीणों से विकास की बात की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि पानी और सड़क सबसे बड़ी समस्या है।

डिंडोरी में जनता से बेरुखी

अभी भी नदी, झिरियों के पानी पी रहे हैं. आवागमन के लिए पक्की सड़क नही हैं, उबड़ खाबड़ पहाड़ी रास्तों से जाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जैसे जैसे चुनाव आ रही है वैसे वैसे मतदाताओं को रिझाने पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब मतदाता नए चेहरा को चुनाव जीताने की दांव खेल सकती है।

कब क्या होगा यहां पढ़िए ?

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