क्या बाबा बागेश्वर को चुनाव लड़ना चाहिए? पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा में शामिल होने आए भक्तों ने दिया यह जवाब
Sanatan Hindu Ekta Padyatra: बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 21 नवंबर से पदयात्रा पर हैं। दावा है कि पदयात्रा में मध्य प्रदेश के साथ ही बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, नेपाल व अन्य जगहों से श्रद्धालु पहुंचे हैं। लखनऊ से पदयात्रा में शामिल होने आईं योगिता सिंह हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर मुखर हैं।
उन्होंने कहा कि नेताओं के सहारे भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनने वाला है। नेता वोट बैंक की राजनीति करते हैं। वोट पाकर चले जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संत ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।
योगिता सिंह के मुताबिक नेता जातिगत राजनीति कर वोट बटोरने का काम करते हैं। हिंदू रक्षक के सवाल पर योगिता सिंह बाबा बागेश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक समान मानती हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होने से पहले संत हैं। योगिता सिंह बाबा बागेश्वर से पहले योगी आदित्यनाथ की भक्त रही हैं। उन्होंने दावा किया कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा से हिंदू एकजुट होंगे।
क्या बाबा बागेश्वर को चुनावी राजनीति में आना चाहिए?
अन्य भक्तों ने बाबा बागेश्वर के चुनावी राजनीति में उतरने का समर्थन नहीं किया. उन्होंने साफ कर दिया कि बाबा बागेश्वर को बिल्कुल भी चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबा बागेश्वर की बजरंग बली नाम की एक पार्टी है. उन्होंने कहा कि बाबा बागेश्वर चुनाव लड़े बिना भी लोगों के साथ हैं.
सीतामऊ के एक भक्त ने कहा कि भारत अभी हिंदू राष्ट्र नहीं है. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के एक भक्त ने कहा कि बाबा बागेश्वर कोई नेता नहीं हैं, वे हमारे गुरु हैं.
आपको बता दें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम से ओरछा तक सनातन हिंदू एकता के नाम पर पदयात्रा पर हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा को लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.
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