शैलेंद्र विश्वकर्मा, अनूपपुर: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जनपद पंचायत से भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. जिला प्रशासन पंचायत सचिव औऱ उनसे जुड़े शातिरोंं का हाथ खोल दिया है, जिससे धड़ाधड़ सरकारी खजाना लूट रहे हैं. उनको आचार सहिता भी नहीं दिखता है और न कलेक्टर का खौफ है. इतना ही नहीं जिला पंचायत सीईओ की भी लगता है सचिव सरपंच नहीं सुनते हैं, जिससे उनके नाक के नीचे लाखों का बंदरबाट चल रहा है. इधर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नोटिस जारी कर रिकवरी की बात कह रहे हैं.
दरअसल, अनूपपुर में जनता के लिए खर्च की जाने वाली राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. अनूपपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले खोडरी ग्राम पंचायत समेत 14 अन्य पंचायतों में सचिव द्वारा जनता के पैसे डकारने का मामला सामने आया है. चुनावी आचार सहिंता लगने के पहले पंचायत सचिवों द्वारा राशि का हेरफेर करने का आरोप है. इसकी जानकारी मिलने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर दिया है.
बताया जा रहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले और बाद में अनूपपुर के ग्राम पंचायत आमाडाढ़, बदरा, बम्हनी, बलिया बड़ी, देवरी, धहुम्मा, फुलकोन, हरद, खोडरी नंबर एक, पकरिहा, सकोल, कदम टोला, पयारी नंबर एक, सोही, बेलहा और उरा पंचायत में शासकीय राशि का आहरण किया गया है. जानकारी के मुताबिक इसमें ग्राम पंचायतों के प्रमुख और सचिवों द्वारा करीब 42 लाख रुपये निकालने का आरोप है.
आचार संहिता का उल्लंघन
उल्लेखनीय है कि अनूपपुर में 4 दिसंबर 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आचार सहिंता लागू हो गई थी. अब ऐसे में जिम्मेदारों का ये अपराध आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है. इस मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेन्द्र मणि मिश्रा ने बताया कि सचिवों इसके लिए नोटिस जारी कर दिया गया है. अब आगे सचिवों द्वारा निकाली गई राशि की वसूली के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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