गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम में परसदा जोशी रेत घाट पर लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद 80 हजार घन मीटर रेत का अवैध खनन किया गया। अब खनन विभाग ने तत्कालीन ठेकेदार, सरपंच समेत 4 लोगों से 4 करोड़ 25 हजार रुपए की वसूली का नोटिस थमाया है।
गरियाबंद SSP को हटाने की कहानी: अमित तुकाराम कांबले का तबादला, जानिए क्यों और किस मकसद से हटाए गए ?
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: जिसमें खदान के तत्कालीन ठेकेदार संकल्प जंघेल रायपुर, पूर्व सरपंच परसदा जोशी सुनीता सोनी, सरपंच के पति, पंच बेनराज सोनी और ग्रामीण हार्दिक सोनवानी शामिल हैं। यह नोटिस 4 अक्टूबर को जारी किया गया था।
2021 से 2023 तक के लिए लीज जारी
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: दरअसल, खनन विभाग ने परसदा जोशी खदान का लीज 17 नवंबर 2021 से 16 नवंबर 2023 तक के लिए जारी किया था, लेकिन ठेकेदार और पंचायत के लोगों ने मिलीभगत कर लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद 80 हजार घन मीटर का अवैध उत्खनन कर लिया।
जांच में मिला अवैध खनन
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: मामले की शिकायत के बाद राजस्व विभाग की टीम ने 10 जनवरी 2024 को जांच की थी। विभाग की रिपोर्ट में बताया गया था कि, स्वीकृत रेत खदान क्रमांक 1, 2 के लिए चिन्हित क्षेत्र में 80 हजार घनमीटर अवैध खनन पाया गया।
विधानसभा में भी उठा था मामला
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार की विदाई के दौरान का है। तब मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। नई सरकार के सदन में विधायक धरमलाल कौशिक ने 13 फरवरी 2024 को ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए मामले को सदन के पटल पर रखा था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया लेकिन कार्रवाई करने में 8 महीने लग गए।
रिपोर्ट दोबारा मिलने पर जारी हुआ नोटिस
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: मामले में जिला खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश ने बताया कि, राजस्व विभाग की कार्रवाई में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं था। दोबारा पत्राचार किया गया।
80 Thousand Cubic Meters Of Illegal Sand Mining In Gariaband: 24 सितंबर 2024 को तहसील राजिम की रिपोर्ट दोबारा आई। जिसे कलेक्टर के समक्ष रखा गया। उनके निर्देश के आधार पर संबंधित व्यक्ति को जुर्माना वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है।
कहां और कैसे लिखी गई रेत चोरी की स्क्रिप्ट ?
दरअसल, राजिम रेत और राजनीति का गहरा संबंध है। तब की सत्ता में मंत्री के बंगले से सब कुछ तय हो जाता था। परसदा जोशी में जब 80 हजार घन मीटर खोदे जा रहे थे, तब सारे सिस्टम को इस अवैध खुदाई का पता था।
बताया जा रहा है कि पहले से कमाई और कमीशन सब कुछ तय था। प्रशासन ने सत्ता बदलने के बाद हाई प्रोफाइल परसदा जोशी के मामले में जांच और कार्रवाई की। इसके पहले प्रशासन राजनीति रसूखदारों के आगे बेबस था।
मामला विधानसभा के सदन में भी उठा तब भी कार्यवाही की खाना पूर्ति की गई, लेकिन सरकार बदलते ही दोषियों पर कार्रवाई शुरू की गई। इस कार्रवाई से ना तो अवैध खनन परिवहन थमा ना ही कोई भय पैदा हुआ है।
कहा जा रहा है कि सत्ता बदला तो राजिम की राजनीति का फिजा बदला और बदल गए अवैध रेत खनन परिवहन करने वाले के चेहरे। राजिम इलाके में रेत का अवैध कारोबार अब भी उसी ढर्रे से चालू है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS