भोपाल। एक दौर था, एक वक्त था, न्याय और इंसानियत की एक मयार थी, उम्मीद और सिस्टम से इंसाफ की दहलीज थी, वो वक्त था तेज तर्रार IPS अखिल पटेल का, जिसने अनूपपुर जिले में सूदखोरों के दांत खट्टे कर दिए थे. गांव, गली और कस्बों में शिविर लगा इंसाफ के झंडे गाड़ दिए थे. सूदखोरी पर कानूनी डंडा चलाया था, जिससे कई सूदखोर हवालात की दहलीज पर चक्की पीस रहे थे, लेकिन उनके जाते ही अब सूदखोर फिर सिर उठाने लग गए हैं. सूदखोरी की वारदातें फिर पनपने लगी है. अनूपपुर में अब सूदखोरों से जिंदा इंसान प्रताड़ित होकर सिस्टम से मौत मांग रहे हैं.
क्या ‘खाकी’ से उठा विश्वास ?
अनूपपुर में अब सूदखोरों से प्रताड़ित होकर जिंदा इंसान सिस्टम से मौत मांग रहे हैं. पुलिस से नाउम्मीदी पर प्रताड़ित अब कलेक्टर की शरण में जाकर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. सूदखोर लोन, ब्याज, सोना और चेक के माध्यम से लाखों का खेल किया है. एक लाख के चार लाख तो किसी के नाम पर लोन दिलाकर लाखों डकार गया, जिससे प्रताड़ित होकर अब कलेक्टर से न्याय की मांग कर रहे हैं. करीब 7 से 8 लोगों ने एक साथ सूदखोरी की शिकायत की है.
सूदखोर के मायाजाल में खाद्य मंत्री ?
अनूपपुर में एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री बिलाहूलाल सिंह ने सूदखोर मनीष उर्फ मालू के पक्ष में पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार को खत लिखा है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. कैबिनेट मंत्री के पत्र ने सिसासी गलियारे को गर्म कर दिया है. कांग्रेसी और भाजपाइयों में मंत्री के पत्र की चर्चा जोरों से हो रही. एक ओर मंत्री बिसाहूलाल ने मनीष उर्फ मालू के पक्ष में जब पत्र लिखा तो पीड़ितो ने कलेक्टर से आत्मदाह करने की इजाजत मांगी है.
आत्मदाह की मांग कर रहे पीड़ित
पीड़ितों ने जनसुनवाई में मंगलवार को अपर कलेक्टर को पत्र सौंपते हुए उक्त मामले में दुखी होकर अगले मंगलवार को आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. अब मामला यह है कि आखिरकार सूदखोर और कैबिनेट मंत्री के बीच क्या संबंध है, जो मंत्री को अपराधी के लिए पत्र लिखने को विवश करता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय के एक सफेद कुर्ताधारी व्यक्ति के आपसी संबंध के कारण मंत्री ने यह पत्र लिखा है.
1 मंत्री ने लिखा सूदखोरों के पक्ष में तो दूसरे ने निष्पक्ष जांच की मांग
अनूपपुर जिले में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले दो मंत्री हैं, जो कि मध्यप्रदेश की राजनीति में अपना दखल और पैठ रखते हैं. वहीं अनूपपुर की कानून व्यवस्था को बिगड़ते देख कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त और कोल प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने दोनों पक्षों के मामले को संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
मालू के पक्ष में कार्रवाई की मांग ?
बहरहाल, अनूपपुर में इन दिनों सूदखोरी के मामले को लेकर कानून व्यवस्था के साथ सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में खिल्ली उड़ाते देखा जा रहा है. मनीष उर्फ मालू के दर्जनों मामले थानों में विचाराधीन हैं. वहीं विगत दिनों पुलिस द्वारा मनीष उर्फ मालू को गिरफ्तार कर सूदखोरी की कार्रवाई भी की गई थी. अब जब खाद मंत्री द्वारा सूदखोर मनीष उर्फ मालू के पक्ष में कार्रवाई की मांग की है, तो कांग्रेस के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता भी कैबिनेट मंत्री के द्वारा सूदखोर को दिए गए संरक्षण पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं.
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