अमरकंटक। IGNTU अमरकंटक में प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों की मनमानी वजह से छात्र परेशान हैं. सुरक्षाकर्मियों की बदतमीज़ी और जबरन सभी छात्रों की रजिस्टर में हर बार आने जाने पर एंट्री कराने को लेकर छात्रों में आक्रोश है. जिसके विरोध में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. आदेश को प्रॉक्टर के लौटते ही निरस्त करने के मौखिक आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन खत्म किया गया.
दरअसल विश्वविद्यालय दकी तरफ से कुछ दिनों पूर्व एक आदेश जारी किया गया था. जिसमें Y-20 कार्यक्रम के दौरान छात्र/छात्राओं को विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए रजिस्टर में एंट्री करनी होती थी. सुरक्षा की दृष्टि से सभी छात्रों ने Y20 के कार्यक्रम तक सहयोग किया, पर सुरक्षकर्मियो द्वारा कार्यक्रम समाप्ति के बाद भी यह तर्क दिया जाता है कि इसकी कोई समय सीमा नहीं है. अनाआवश्यक ही छात्रों को परेशान किया जा रहा है.
कैंपस के अंदर भोजन, दवाई और भी ज़रूरी चीज़ों की उचित व्यवस्था न होने के कारण छात्रों को बाहर जाना ही पड़ता है. जितने भी बार बाहर जाओ उतनी बार सुरक्षकर्मी ग़ैरज़रूरी सवाल पूछते हैं और इंट्री करने के लिए परेशान करते है.
वही छात्रों द्वारा तर्क संगत बात करने और आदेश में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को क्यों नहीं शामिल किया गया ? वह एंट्री क्यों नहीं करते ? ऐसे सवाल करने पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. आदेश सबके लिए होना चाहिए. केवल छात्र ही विश्वविद्यालय प्रांगण में हुई हर चीज के लिए जिम्मेदार नहीं है. छात्रों की आइडी ही उनकी पहचान है. उसके बाद उन्हें क्यों अंदर आने से रोका जा रहा है ?
विश्वविद्यालय सभी के लिए है और सर्वप्रथम छात्रों के लिए, पर विश्वविद्यालय में हुई छुटपुट अप्रिय घटनाओं (चोरी) के लिए सभी छात्रों को इस तरह से परेशान करना अन्याय है, जबकि इस तरह की घटनाएं सुरक्षाकर्मियों की चूक है. छात्र इसके दोषी नहीं है. बिना वजह ही सुरक्षा का हवाला देकर छात्रों से दुर्व्यवहार किया जाता है. वही प्रशासन भी इस दुर्व्यवहार पर मौन साधे हुए है. क्योंकि समस्या बस छात्रों की है और उनकी नहीं. अब देखना यह होगा कि कब तक आदेश वापस लिया जाता है.
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