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Navratri 2024: एमपी में इस जगह घने जंगल में है मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु, मनोकामना होती है पूरी

Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां मां ब्रह्मचारिणी विराजमान हैं। घने जंगल और कच्ची सड़कें होने के बावजूद यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि मां किसी भव्य मंदिर में नहीं बल्कि पेड़ों के नीचे विराजमान हैं।

इस पावन पर्व में देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिनों तक विधि-विधान से पूजा की जाती है। पहले दिन सबसे पहले मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।

मान्यता

देवास में स्थित है मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर

ऐसे में आज हम आपको मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित माता ब्रह्मचारिणी के अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। आपको बता दें कि देवास के बेहरी से करीब 2 किलोमीटर दूर कच्चे रास्तों से होकर मंदिर तक पहुंचा जाता है।

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घना जंगल

घने जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों के बावजूद भी यहां रोजाना श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां माता किसी भव्य मंदिर में नहीं, बल्कि पेड़ों के नीचे विराजमान हैं। श्रद्धालु पेड़ों के नीचे भी माता के दर्शन करते हैं।

घना जंगल

आस्था का केंद्र

घने जंगलों के बीच मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि यह चमत्कारी मंदिर है। दूर-दूर से दुखी और निराश श्रद्धालु यहां आकर सुख-शांति की कामना करते हैं।

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बगोई माता

मां ब्रह्मचारिणी का यह मंदिर बगोई माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां बगोई माता को ब्रह्मचारिणी मां के रूप में पूजा जाता है।

देवास में स्थित है मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर

मान्यता

बागोई माता मंदिर के बारे में मान्यता है कि अगर कोई भी पशु किसी परजीवी रोग से पीड़ित है तो उसे माता के दरबार में लाकर अभिमंत्रित भस्म लगाने से उसके सभी रोग और कष्ट पल भर में दूर हो जाते हैं।

आपको बता दें कि नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है। दूर-दूर से भक्त नंगे पैर यहां माता के दर्शन करने आते हैं।

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