MP Peshab Kand ke Bad CM Shivraj Ne Dhoye Pair: मध्यप्रदेश के सीधी जिले में पेशाब कांड का पीड़ित आदिवासी युवक और उसका परिवार गुरुवार को सीएम शिवराज से मिलने सीएम हाउस पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित आदिवासी का हाथ पकड़ा और उन्हें अंदर ले गए. कुर्सी पर बैठाया. पैर धोये, आरती की और तिलक लगाया. शिवराज ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि इस घटना से दुखी हूं. मैं आपसे माफी मांगता हूं. आप जैसे लोग मेरे लिए भगवान की तरह हैं.
सीएम शिवराज ने कहा कि मेरे लिए दरिद्र ही नारायण है और जनता ही भगवान है. जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है. भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया. इसलिए मैंने दशमत को यहां बुलाया क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था. मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी मैं व्यथित था और मैं अंतरात्मा से मानता हूं गरीब ही हमारे लिए पूज्य है और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है.
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मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया. ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके. मन में जो पीड़ा थी उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं. एक तरफ जिसने अन्याय किया उस को कड़ी सजा और जो अपराध करता है, अन्याय करता है उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती. इसलिए जिसने अन्याय किया उस को कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ उसको कलेजे से लगाकर उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश…!
मैं प्रदेशवासियों से भी अपील करना चाहता हूं हम सभी के प्रति और विशेषकर, गरीबों के प्रति हमारे ऐसे भाई – बहनों के प्रति हम मानवीयता, करुणा, प्रेम, दया और संवेदना से भरे रहें. क्योंकि एक ही चेतना के तो अंश हैं हम सब, उसी एक भगवान ने हम सभी को बनाया है तो इंसान – इंसान में कैसा भेद. हम कोई भेद ना करें, सम्मान और सुरक्षा गरीब के लिए भी जरूरी है आत्मसम्मान गरीब का भी है. उसको हम बनाए रखें और यह संदेश भी शासन और प्रशासन को, दशमत का पैर धोना चरण धोना एक संदेश भी है गरीबों के साथ में किस संवेदना के साथ उनकी सेवा करता हूं. कोई गड़बड़ करेगा तो उसे कठोरतम सजा मिलेगी.
ऐसे लोगों को भी यह संदेश है और जनता शासन-प्रशासन सभी को भी यही संदेश है कि गरीबों का सम्मान और उनका स्थान भी हम सुरक्षित रखें. दशमत मेरा साथी है, मेरा भाई है हर परिवार की जो जरूरतें होंगी, आवश्यकताएं होंगी उसका भी ध्यान रखेंगे और उनके सम्मान और सुरक्षा की भी चिंता करेंगे.
मेरे मन में सहज भाव आया मैं कोई भगवान कृष्ण जैसा नहीं हूं लेकिन मुझे लगा मेरा भाई आया है तो मैं प्रेम से उसे गले लगाऊं और उसे सम्मान देने की कोशिश करूं यही भाव मेरे मन में था. दो ही चीजें एक संदेश गरीब की इज्जत सबसे बड़ी है हमारे लिए और दूसरा कठोरतम दंड ताकि कोई ऐसी हिम्मत ना करें.
बता दें कि आदिवासी पर पेशाब करने वाले आरोपी के घर पर बुलडोजर चला दिया गया है. आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला पर एनएसए लगा दिया गया है.
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