गणेश मरावी, डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में 2 भाइयों ने मिलकर एक अधेड़ युवक की हत्या कर लाश को जंगल में फेक दिए। बताया जा रहा है कि यह हत्या पुरानी रंजिशों को लेकर की गई है। कातिलों ने चाकू से वार कर मौत के घाट उतारा था। बचने की बहुत साजिश की, लेकिन पुलिस ने धर दबोचा। पूरा मामला बजाग थाना क्षेत्र के धुरकुटा का है।
SP वाहिनी सिंह ने बतया कि थाना बजाग अंतर्गत 17 जुलाई 2024 को सूचनाकर्ता संतोष मरावी पिता बुधराम मरावी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम तेलियापानी थाना कुकदुर जिला कबीरधाम (छ.ग.) ने रिपोर्ट लेख कराया कि उसके पिता 14/07/24 को घर से धुरकुटा लोहे के कास्तगारी समान पर धार लगवाने गये थे, जो वापस नहीं आए।
जंगल मे मिली थी लाश
बताया गया कि तलाश करने पर उनकी लाश धुरकुटा के बंजारी घाट के जंगल में मिली। इसकी रिपोर्ट पर थाना बजाग में मर्ग क्र. 22/24 के तहत 17 जुलाई 24 को पंजीबद्ध कर जांच की गई।
गले और छाती में मिले थे चोट के निशान
लाश में लगे कीड़े को साफ करने पर मृतक के बदन में चोट के निशान मिले। मृतक के शव का पीएम कराया गया। पीएम रिपोर्ट में डाक्टर ने मौत की वजह छाती में चोट लगने से होना बताया। यानी की कत्ल की गई है, ये बात क्लियर हो गई थी।
आरोपी को गिरफ्तार करने टीम गठित
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनुभाग बजाग पुरूषोत्तम मरावी को थाना स्तर पर टीम गठित कर आरोपी की गिरफ्तारी करने निर्देशित किया गया। थाना प्रभारी बजाग और टीम ने तत्काल हत्या के प्रकरण में पूर्व में विवाद में संदेहियों से पूछताछ की।
संदेह के आधार पर मोहन परस्ते पिता बलराम परस्ते और उसके भाई कुंवर सिंह परस्ते पिता बलराम परस्ते निवासी हाल मुकाम भानपुर, स्थाई पता ग्राम तेलियापानी थाना कुकदुर जिला कबीरधाम (छ.ग.) से पूछताछ की गई।
आरोपियों ने बताया कि 2 साल पहले हम लोग तेलियापानी छोड़कर भानपुर आ गए। बुधराम हमसे विवाद किया करता था। इस कारण हमने उसकी हत्या कर लाश को जंगल में डाल दिए थे। दोनों आरोपियों ने घटना में प्रयुक्त चाकू को विधिवत जब्त किया गया।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
इस प्रकरण को सुलझाने में विशेष भूमिका थाना प्रभारी बजाग निरी. बी.के. पण्डोरिया, उनि. अशोक तिवारी, सउनि रमेश कुडापे, प्रआर.राघवेन्द्रक सिंह, प्रआर. गोवन्दि, आर. महेन्द्र , आर. कपिल एवं समस्त स्टाफ की रही है। जिन्होंने लगातार प्रयास कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS