रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में बस चंद ही महीने बचे हैं. ऐसे में चुनाव से पहले भूपेश कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. इस बदलाव को सियासी नफा-नुकसान से भी जोड़कर देखा जा रहा है. ये बदलाव तब किया जा रहा है, जब मोहन मरकाम को पीसीसी चीफ के पद से हटाकर दीपक बैज को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है.
मरकाम के सिर सियासी ताज
वहीं प्रदेश अध्यक्ष बदलने के दूसरे दिन ही मोहन मरकाम को मंत्री पद की शपक्ष दिलाने पर मुहर लगा दी गई है, जिसको लेकर राजभवन में तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है.
एक विकेट गिरा, 3 पर संशय !
बता दें कि, 4 मंत्रियों के इस्तीफे की चर्चा हो रही है. हालांकि, अभी तक सिर्फ और सिर्फ एक मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने ही मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, जिनकी जगह पर मोहन मरकाम शपक्ष लेंगे.
इनको मिल सकती है कैबिनेट में जगह
हालांकि सियासी गलियारे में चर्चा ये भी है कि पार्टी के वरिष्ठ विधायक धनेंन्द्र साहू को भी मंत्रीमंडल में जगह दी जा सकती है, लेकिन अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि, उन्हें किसकी जगह पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
इस्तीफे के बाद टेकाम का छलका दर्द
इस्तीफे के बाद टेकाम ने कहा कि किसे मंत्रीमंडल में रखना है किसे नहीं ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है. मुझे बताया गया कि पार्टी हाई कमान का निर्देश है कि आपको इस्तीफा देना है, जिसके बाद वह इस्तीफा सौंप दिए हैं. साथ ही उन्होंने निराश होते हुए कहा कि इस्तीफा दिया नहीं जाता, लिया जाता है.
क्या बोले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ?
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के इस्तीफे को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रेम साय टेकाम का इस्तीफा मिला है, राज्यपाल को भेजा गया है.
आदिवासी वोटरों को साधने सियासी गेम !
वहीं बदलाव के बीच सियासी पंडितों का मनाना है कि, चुनावी साल में सभी नेताओं को एकजुट कर वोट बैंक को साधने की भी कोशिश की जा रही है. बस्तर संभाग से दीपक बैज को पीसीसी चीफ बनाकर आदिवासी वोटरों पर कांग्रेस ने मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश की है. वहीं मरकाम को हटाए जाने के बाद उनके समर्थकों को खुश रखने के लिए भी मंत्री पद दिए जाने की चर्चाएं हैं.
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