मेरे पास उल्टे पंख वाला उल्लू और मुर्गा लाओ, तुम्हें अमीर बना दूंगा: फर्जी बाबा ने गड़ा धन निकालने लोगों ने ठगा; काला जादू करने का डर दिखाया
Madhya Pradesh Sagar Fake baba cheated people to extract hidden treasure; 5 उल्लू, 10 उल्टे पंख वाले मुर्गे और गोरोचन से लोगों को अमीर बनाने वाला करोड़पति बाबा और उसका बेटा फरार है। दोनों ने तांत्रिक क्रिया के जरिए लोगों को जमीन से गड़ा खजाना निकालने का लालच देकर लाखों रुपये की ठगी की है। इन्होंने मजदूरों से लेकर व्यापारियों तक को अपना निशाना बनाया है। आरोपी बाबा पूजा-पाठ कराकर लोगों के घरों में खुदाई करवाता था। मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले का है।
खुदाई के दौरान वह एक बर्तन निकालता था, जिसमें खजाना होने का दावा करता था और लोगों को खास मुहूर्त पर उसे खोलने का लालच देता था। वह अलग-अलग पूजा-पाठ कराने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठता था। काफी समय बाद जब लोग अपने पैसे वापस मांगते थे, तो वह उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी देता था और चेक बाउंस जैसे नोटिस भेजता था। काला जादू करके जान से मारने की बात भी कहता था। ठगी के शिकार कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने एक मामले में केस दर्ज किया तो 18 अन्य पीड़ित भी थाने पहुंच गए। पता चला कि आरोपी 4 साल से यह काम कर रहा है…
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धोखाधड़ी से बंगला बनवाया, कार खरीदी
आरोपी बाबा देवी सिंह रजक की उम्र 38 साल है। पथरिया निवासी देवी मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे शुरू से ही पूजा-पाठ करते थे। 6-7 साल पहले सागर में सिविल लाइन रोड पर गोलगप्पे और चाऊमीन की दुकान शुरू की।
कोरोना काल के बाद पथरिया शिफ्ट हो गए। यहां ओजस्वनी कॉलेज के सामने किराए की दुकान में चाऊमीन की दुकान शुरू की। 2020 में अचानक देवी सिंह ने एक कॉलोनी में आलीशान मकान बनवा लिया। कार खरीद ली। उनकी लाइफ स्टाइल बदल गई। यह देखकर गांव के लोग भी हैरान रह गए।
गड़े हुए खजाने के नाम पर करते थे ठगी
सागर के वल्लभ नगर वार्ड में रहने वाले गणेश प्रसाद सेन के बेटे दीपेश ने सिविल लाइन थाने में शिकायती आवेदन दिया। जिसमें उन्होंने बताया, ‘मैं बिजली विभाग में ठेकेदारी का काम करता था। फिलहाल सिंधी कैंप में चाट का ठेला लगाता हूं। मैंने ऋषभ रजक को आर्थिक तंगी के बारे में बताया था। ऋषभ ने मुझसे कहा- मैं तुम्हें एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाऊंगा जो तुम्हारी सारी परेशानियां दूर कर देगा। उसने दिसंबर 2023 में देवी सिंह रजक से मेरी मुलाकात कराई।
देवी ने अपने घर में दीवाला बनवाया था। मैंने उसे पैसों की तंगी की समस्या बताई और उपाय पूछा। उसने मुझे 4 लौंग दी। कहा- एक लौंग तुरंत खा लो। मैंने लौंग खा ली, जिससे मेरा सिर घूमने लगा और शरीर सुस्त हो गया। उसने बताया कि उसके बेटे कृष्णा रजक के पास कजरी है, जिससे वह गड़ा खजाना ढूंढ़कर निकालता है।
जनवरी 2024 की एक रात करीब 9 बजे देवी सिंह रजक और उसके 18 वर्षीय बेटे कृष्णा ने मुझे, मेरे दोस्त दिनेश पटेल और गंगा अहिरवार को खुरई रोड पर बुलाया। यहां उन्होंने मुझे प्रसाद के तौर पर खाने के लिए मिठाई दी। इसे खाने के बाद हम तीनों के होश उड़ गए। यहां भी उसने मेरे घर में खुदाई कर गड़ा खजाना निकालने की बात कही।
पिकअप गाड़ी बेचकर मुझे पैसे दिए
दीपेश ने बताया, ‘एक दिन देवी सिंह ने मुझे गुंडा थमाते हुए कहा- इसे घर ले जाओ। इसे मत खोलना। अभी मुझे वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाना है। लौटने के बाद मैं तुम्हारी सारी समस्याएं दूर कर दूंगा। लौटने के बाद वह मुझसे मिला और बोला- तुम्हें कुछ दिन इंतजार करना होगा। अभी गुंडा मत खोलना। इस बीच उसने पूजा के नाम पर मुझसे 10.95 लाख रुपए ऐंठ लिए। मैंने पिकअप गाड़ी बेचकर पैसे देवी को दे दिए।
जब उसने बार-बार ऐसा कहा तो मुझे शक हुआ। परिजनों के कहने पर मैंने गुंडा खोला तो उसमें कुछ जेवर मिले। सुनार से जांच कराई तो वह नकली था। मैं समझ गया कि देवी सिंह ने मेरे साथ ठगी की है। जब मैंने उससे पैसे मांगे तो वह मुझे धमकाने लगा। इसके बाद मैंने सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराया।’
देवी सिंह घरों की खुदाई करते समय एक पुराना कलश निकालता था, जिसमें नकली आभूषण होते थे। देवी सिंह घरों की खुदाई करते समय एक पुराना कलश निकालता था, जिसमें नकली आभूषण होते थे। दबे खजाने के नाम पर लोगों को ठगता था आर्थिक तंगी और अन्य समस्याओं से परेशान लोग किसी परिचित के माध्यम से देवी सिंह से मिलते थे। जैसे ही लोग उससे मिलने जाते थे, वह उन्हें लौंग, प्रसाद या चाय देता था।
पूजा-पाठ के लिए मांगता था पैसे
इसे पीकर लोग नशे में आ जाते थे। वह लोगों को दबे खजाने को निकालने का लालच देता था। वह देवीजी की पूजा करने के बाद खजाने का स्थान बताता था। लोगों को ठगने के बाद वह दबे खजाने को निकालने के लिए पूजा-पाठ सामग्री के नाम पर पैसे मांगता था। पैसे मिलने के बाद वह पूजा-पाठ करने के बाद घर में गड्ढा खुदवाता था और एक बर्तन निकालता था।
वह दावा करता था कि इसमें पैसे हैं, लेकिन वह बर्तन नहीं खोलता था। वह कहता था कि वह शुभ मुहूर्त और पूजा के बाद बर्तन खोलेगा। बर्तन खोलने के नाम पर वह कई बार पैसे ऐंठता था। जब संबंधित व्यक्ति को शक होता था तो वह पैसे वापस मांगता था। बदले में आरोपी उसे झूठे केस में फंसाकर भगा देने की धमकी देता था या फिर परेशान करने की बात कहता था
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