: हाईकोर्ट के नामी वकील का शव फ्लैट में लटका मिला: पास में ही रखी मिली उनकी जन्मकुंडली, कई चर्चित केस लड़ चुके थे
MP CG Times / Mon, Oct 14, 2024
Gwalior High Court lawyer Suresh Agarwal hanging suicide: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हाईकोर्ट के एक नामी वकील का शव रविवार देर रात उनके फ्लैट में फंदे से लटका मिला। उन्होंने शहर के बलवंत नगर स्थित मनोहर एन्क्लेव में तीन महीने पहले ही यह फ्लैट खरीदा था। वकील सुरेश अग्रवाल के शव के पास से हाथ से बनी जन्म कुंडली मिली है। पुलिस आज शव का पोस्टमार्टम कराएगी।
अग्रवाल शहर के बड़े मुकदमों में पैरवी करने के लिए जाने जाते थे, चाहे वह सम्राट मिहिर भोज जाति विवाद हो या फिर सेंट पॉल चर्च के फादर की संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क दुर्घटना में मौत का मामला। अग्रवाल को चार महीने पहले हाईकोर्ट के जज से बदसलूकी करने के बाद बार एसोसिएशन से निलंबित कर दिया गया था।
निलंबन के बाद से ही अग्रवाल डिप्रेशन में थे। उनका इलाज भी चल रहा था। उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज था। इस मामले की सुनवाई दो दिन बाद होनी है। ऑफिस के लिए निकले, लेकिन नहीं पहुंचे सुरेश अग्रवाल मूल रूप से थाटीपुर के रहने वाले थे। वे फ्लैट पर कभी-कभार ही आते थे। यहां कोई और नहीं रहता। उनका ऑफिस इंदरगंज में है।
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वे रविवार सुबह 9 बजे घर से निकले थे। रविवार को वे अपने कार्यालय जाते थे, लेकिन रविवार को वे कार्यालय नहीं पहुंचे। जब उनके परिजन और वकील साथियों ने पूरे दिन उनकी तलाश की तो पता चला कि वे मनोहर एन्क्लेव स्थित अपने फ्लैट पर हैं। जब परिजन फ्लैट पर पहुंचे तो उनका शव फंदे से लटका मिला।
शव के पास जन्म पत्रिका, रजिस्टर मिला
पुलिस को वकील के शव के पास जन्म कुंडली मिली। यह सुरेश अग्रवाल की है और बचपन में हाथ से बनाई गई थी। पास में ही एक रजिस्टर भी रखा था। वे इसमें दिनचर्या की बातें लिखते थे। जून से इसमें कुछ नहीं लिखा है।
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एएसपी सिटी अखिलेश रेनवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पता चला है कि सुरेश अग्रवाल डिप्रेशन में थे और उनका इलाज चल रहा था। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। आर्थिक स्थिति अच्छी है। एक भाई भी है जो उनके साथ रहता है।
इन चर्चित मामलों में कर चुके हैं पैरवी
ग्वालियर के पराक्रमी सम्राट मिहिर भोज की चर्चित मध्यकालीन मूर्ति मामले में सुरेश अग्रवाल ने स्वतंत्र याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला आने तक सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को टिन की चादर से ढकने का आदेश दिया था। साथ ही जाति विशेष के नाम वाली पट्टिका को ढक दिया था। यह मामला अभी विचाराधीन है।
उन्होंने दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थानोट की संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क दुर्घटना में हुई मौत का मामला भी उठाया था। उनकी याचिका के बाद कई महीनों बाद फादर के दफनाए गए शव को कब्र से निकाला गया और पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। इस मामले में फादर की बहन ने हत्या की आशंका जताई थी।
अग्रवाल ने माता-पिता की अनुमति के बिना आर्य समाज में होने वाली शादियों को भी चुनौती दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए उन पर रोक लगा दी थी। माता-पिता की सहमति भी अनिवार्य कर दी गई थी।
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निलंबन के बाद से ही अग्रवाल डिप्रेशन में थे। उनका इलाज भी चल रहा था। उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज था। इस मामले की सुनवाई दो दिन बाद होनी है। ऑफिस के लिए निकले, लेकिन नहीं पहुंचे सुरेश अग्रवाल मूल रूप से थाटीपुर के रहने वाले थे। वे फ्लैट पर कभी-कभार ही आते थे। यहां कोई और नहीं रहता। उनका ऑफिस इंदरगंज में है।
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वे रविवार सुबह 9 बजे घर से निकले थे। रविवार को वे अपने कार्यालय जाते थे, लेकिन रविवार को वे कार्यालय नहीं पहुंचे। जब उनके परिजन और वकील साथियों ने पूरे दिन उनकी तलाश की तो पता चला कि वे मनोहर एन्क्लेव स्थित अपने फ्लैट पर हैं। जब परिजन फ्लैट पर पहुंचे तो उनका शव फंदे से लटका मिला।
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पुलिस को वकील के शव के पास जन्म कुंडली मिली। यह सुरेश अग्रवाल की है और बचपन में हाथ से बनाई गई थी। पास में ही एक रजिस्टर भी रखा था। वे इसमें दिनचर्या की बातें लिखते थे। जून से इसमें कुछ नहीं लिखा है।
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उन्होंने दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थानोट की संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क दुर्घटना में हुई मौत का मामला भी उठाया था। उनकी याचिका के बाद कई महीनों बाद फादर के दफनाए गए शव को कब्र से निकाला गया और पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। इस मामले में फादर की बहन ने हत्या की आशंका जताई थी।
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