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Cyber Crime: साइबर ठगी का शिकार होते ही तुरंत करें ये काम, वापस आ सकती है रकम

रिपोर्ट: विजय राठौड़

ग्वालियर: एक ओर जहां डिजिटल क्रांति से ऑनलाइन व्यापार को पंख लग गए हैं तो दूसरी ओर साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. जिसके तहत अधिकांश ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता है, जो इस क्राइम के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं हैं. ऐसे में साइबर ठग बड़ी आसानी से लोगों को झांसे में लेकर उनसे ओटीपी आदि पूछकर खाते से रकम उड़ा देते हैं.

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नंबर हेल्पलाइन 1930 जारी किया गया है. जिस पर ठगी के 1 घंटे के भीतर कॉल करने पर आपके खाते से जुड़े सभी लेनदेन व अन्य प्रक्रिया को रोक सकते हैं. कॉल करने पर खाते को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. इतना ही नहीं इसके माध्यम से साइबर सेल तत्काल हरकत में आती है और आपका पैसा वापस कराने का पूरा प्रयास करती है.

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सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार
राज्य साइबर सेल के एसपी सुधीर अग्रवाल ने बताया कि यदि आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं तो आपको सबसे पहले 1930 नंबर पर कॉल करना चाहिए. ताकि आपके खाते को फ्रीज किया जा सके. साथ ही आप सबसे पहले राज्य साइबर सेल या क्राइम ब्रांच में जाकर घटना की पूरी जानकारी दें. आपकी शिकायत पर तत्काल एक्शन लिया जाएगा. बताया कि इस प्रकार के अपराध में आपकी सावधानी आपका सबसे बड़ा हथियार होता है. बिना किसी जान पहचान या जानकारी के किसी के साथ भी अपने खाते से संबंधित जानकारियां शेयर ना करें और न ही किसी प्रकार के ओटीपी इत्यादि बताएं.

इस तरह से होते हैं ठगी के शिकार
गौरतलब है कि वर्तमान में अपराधियों के लिए साइबर ठगी एक आसान तरीका बन गया है. ठग ऐसे लोग को अपना निशाना बनाते हैं जो कम पढ़े-लिखे या कम जानकारी रखने वाले होते हैं. फोन पर एटीएम ब्लॉक, अकाउंट ब्लॉक, कार्ड ब्लॉक आदि समस्याओं का हवाला देकर उन्हें झांसे में लेते हैं. फिर उन्हें लिंक अथवा ओटीपी भेज कर समस्या का निदान की समझाइश देकर उनके खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा यह 1930 हेल्पलाइन जारी किया गया है.

सतर्कता बचा सकती है आपकी कमाई
जानकारी के अनुसार आपकी थोड़ी सी सतर्कता ही आपकी मेहनत की कमाई को बचा सकती है. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर ठगी के 1 घंटे के भीतर कॉल करने पर आपसे आपके खाते की और यूपीआई की जानकारी मांगी जाएगी. ताकि उसे फ्रीज किया जा सके. क्योंकि किसी प्रकार की रकम को ट्रांसफर होने में 1 घंटे का समय लगता है, इसलिए इस समय अंतराल के दौरान यदि खाता फ्रीज कर दिया जाए, तो वह लेनदेन बच सकता है.

Tags: Cyber Crime, Gwalior news, Mp news

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