गिरीश जगत, गरियांबद। देवभोग क्षेत्र में धूप और बारिश से बचाव के लिए मार्डन यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन सामग्री का घटिया स्तर होने की वजह से निर्माण के दो चार महीनों में ही प्रतिक्षालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. आलम ये है कि पूरे ब्लॉक में बन रहे यात्री प्रतीक्षालय घटिया निर्माण कार्य को रोकने की कोई अधिकारी हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं. यूं कहें कि अब करप्शन की ग्रीन सिग्नल मिली हुई है, जिससे कमीशन तले करप्शन की नींव बेधड़क रखी जा रही है.
ठेकेदार को राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण
दरअसल, इस कार्य को करवाने के लिए ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया था, लेकिन ऊपरी स्तर की सेटिंग के कारण ये काम को कुछ जगह बाहरी ठेकेदार करवा रहा है. बताया जा रहा है कि ठेकेदार को राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला है. मामले में क्षेत्रीय विधायक भी मौन सहमति बनाए हुए हैं. विधायक के बिना सहमति के इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देना नामुमकिन है.
देवभोग भ्रष्टाचार का गढ़ के रूप में पहचान बन चुका
घटिया निर्माण कार्य करवाने के लिए पूरे जिले में देवभोग भ्रष्टाचार का गढ़ के रूप में पहचान बन चुका है. ठेकेदार जनता के पैसों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कर विकास के झूठे दावे कर घोटाले पर घोटाले करते जा रहे हैं. क्षेत्र की जनता को बेवकूफ बनाकर जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अपना हित साधने में यहां के ठेकेदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
भ्रष्ट ठेकेदारों को बचाने की जुगत
कमीशन के खेल में स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी दर्शक बनकर इसमें साथ दे रहे हैं. जनता की शिकायत होने पर भी कोई उचित कार्रवाई करना नहीं चाह रहे हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्ट ठेकेदारों को बचाने की जुगत में लगे हैं. विधायक मद से बनने वाले यात्री प्रतीक्षालय लगभग 6 लाख रुपए की लागत लगी है.
ब्लॉक में कमीशन का खेल हावी
नाम नहीं लिखने के एवज में एक तकनीकी सहायक ने मूल्यांकन कर बताया कि निर्माण स्थल पर देखा जाए तो एक प्रतीक्षालय के पीछे लगभग डेढ़ से दो लाख खर्च हुए होंगे. तकनीकी सहायक के मूल्यांकन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्लॉक में कमीशन का खेल कितने हद तक हावी हो चुका है.
कमीशन के खेल में अपना जमीर बेच चुके नेता और अधिकारी
कमीशन के खेल में किस हद तक नेता और अधिकारी अपना जमीर बेच चुके हैं, जिससे लगातार क्षेत्र के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं. सरकार विकास के लिए करोड़ों रुपए भेज तो देती है. जमीनी स्तर पर कार्य भी होता, लेकिन भ्रष्ट लोगों के चलते कुछ ही दिनों में निर्माण कार्य की पोल खुल कर सामने आती है.
क्षेत्र में भ्रष्टाचार की चरम सीमा पार
कुछ ऐसा ही हाल देवभोग क्षेत्र में बने यात्री प्रतीक्षालय का भी है. प्रतिक्षालय बने कुछ ही माह हुए हैं, किंतु भ्रष्टाचार रूपी दीमक क्षेत्र को खोखला करते जा रही है. क्षेत्र में भ्रष्टाचार की चरम सीमा पार कर चुके विकासखंड में निर्माण कार्य की हर नींव कमीशन के बुनियाद पर रखी जा रही है, जिसके चलते कार्यों की गुणवत्ता सही ढंग से नहीं हो पाता.
जनप्रतिनिधियों के साथ साठगांठ
प्रतीक्षालय निर्माण में भी जनप्रतिनिधियों के साथ साठगांठ कर उक्त प्रतीक्षालयों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है. आलम यह है वह पूरे यात्री प्रतीक्षालय में कहीं छत से पानी टपकना, टाइल्स टूटना, बैठने के लिए बनाए गए कुर्सी टूटना, तो कहीं बनाए गए प्लेटफार्म में दरार पड़ना शुरू हो चुका है.
जहां जरूरत नहीं, वहां बना दिए प्रतीक्षालय
नेशनल हाईवे 130 सी के पास मौजूद कदलीमुंडा जहां रोजाना 10 से 15 बसों आवागमन होता है. वहां यात्री प्रतीक्षालय न बनाकर जहां वाहनों का आवागमन बिल्कुल नहीं होता उसी गांव में पैसा हजम करने के लिए यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया जा रहा है. लगता है सरकार द्वारा भेजे गए पैसों का अधिकारियों के मौज और मस्ती का एक साधन बन चुका है.
देवभोग से बरकानी रोड में लगभग 4 से 5 यात्री प्रतीक्षालय
ऐसे जगहों पर प्रतीक्षालय का निर्माण करवा रहे हैं, जहां दिन में एक भी यात्री वाहन नहीं गुजरती. जहां रोजाना 10 से 15 यात्री वाहन गुजरते हैं. वहां प्रतीक्षालय ना बनाकर अपना उल्लू सीधा करवा रहे हैं. देवभोग से बरकानी रोड में लगभग 4 से 5 यात्री प्रतीक्षालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन इस रूट में एक भी बस का आना जाना नहीं है, जबकि रोजाना देवभोग से बरेही होकर झाखरपारा जाने वाले मार्ग में बस गुजरती है, लेकिन बरही में प्रतीक्षालय नहीं बनाया गया.
यहां बन रहें हैं यात्री प्रतीक्षालय
देवभोग ब्लॉक में कुल 21 चिन्हांकित जगहों में प्रतीक्षालय का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें देवभोग में 2, कैंटपदर में 2, झाखरपारा में 2, झाराबहाल,डोहल, सरदापुर, मुड़ागांव, गाड़ाघाट, कुंडईकला, करलाबंदली, दीवानमुड़ा, गिरसुल, बाड़ीगांव, मूरगुड़ा, सोनामूंदी, सरगीगुड़ा, घूमरगुड़ा,बरकानी में कुल 1 करोड़ 26 लाख की लागत से इन जगहों में बनाया जा रहा है.
क्या बोले जनपद पंचायत सीईओ
देवभोग जनपद पंचायत सीईओ प्रतीक प्रधान ने कहा कि गुणवत्ता से संबंधित जानकारी आपके माध्यम से मिला है. मौके स्थल पर इंजीनियर को भेज मामले की जानकारी लेता हूं. ऐसा कुछ पाया जाता है तो सबंधित कार्य एजेंसी को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा.
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