MP में बेलगाम क्यों हुआ जुर्म ? कहीं नाबालिग बच्चियों से गैंग रेप, कहीं दिनदहाड़े कत्ल, सरकार चुनाव में मस्त और क्रिमिनल्स चुस्त, पढ़िए ये क्राइम की खौफनाक वारदातें ?
Crime Against Women In MP: मध्य प्रदेश एक तरफ शिवराज सरकार चुनावी तैयारियों में जुटी है तो दूसरी तरफ प्रदेश में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. दिनदहाड़े गैंग रेप, हत्या और लूटपाट की घटनाओं से राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. शिवराज राज में महिला सुरक्षा पर खासा जोर देने के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन आंकड़ों की मानें तो अत्याचार बढ़े हैं. पिछले कुछ दिनों में महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश की पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं.
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एमपी में रेप की घटनाएं
रीवा में दो लड़कियों से आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. बदनामी के डर से लड़कियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई.
7 अगस्त को खंडवा में 12 साल की बच्ची से रेप हुआ.
28 जुलाई को मैहर में 12 साल की नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उस नाबालिग के साथ निर्भया जैसी घटना को अंजाम दिया गया.
29 जुलाई को महाकाल की नगरी उज्जैन में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था.
28 जुलाई को इंदौर में एक मानसिक रूप से बीमार महिला से कई बार रेप का मामला सामने आया था.
27 जुलाई को गुना में लड़की का अपहरण कर इंदौर ले जाया गया और सामूहिक दुष्कर्म किया गया.
रायसेन जिला बदर की घटना जिसमें अपराधी पर 16 और 23 जुलाई को नाबालिग के साथ घर में घुसकर बलात्कार की घटना को अंजाम देने का आरोप था. एक सप्ताह तक नाबालिग अपने परिवार के साथ न्याय के लिए भटकती रही, फिर 28 जुलाई को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
15 जुलाई को दतिया के भांडेर में दो सगी बहनों के साथ गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें वहां के बीजेपी नेता भी आरोपी हैं.
छेड़छाड़ और हत्या
पिछले दिनों प्रदेश की राजधानी भोपाल के छोला थाना क्षेत्र में एक महिला की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
25 जुलाई को राजधानी भोपाल में बैरसिया 8वीं की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की वारदात हुई थी, जिसमें सरकारी स्कूल के शिक्षक पर आरोप है कि वह इसमें शामिल थे.
25 जुलाई को बैतूल में स्कूली छात्राओं को क्लास में बुलाकर छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है.
विदिशा में तो हद तब हो गई जब न्याय न मिलने पर पिता-पुत्री ने आत्महत्या कर ली.
सबसे पहले बेटी ने छेड़छाड़ से परेशान होकर 25 मई को आत्महत्या कर ली, फिर उनके पिता ने न्याय न मिलने पर 6 जुलाई को आत्महत्या कर ली. अब परिवार के अन्य सदस्यों को न्याय का इंतजार है.
एमपी में रेप की खबरें आम हो गई हैं. बच्चियों की सुरक्षा को लेकर किये गये तमाम दावे हवा निकलते नजर आ रहे हैं. एमपी में चुनाव है इसलिए सरकार चुनाव की तैयारी में जुटी है. स्वाभाविक है कि सरकार का ध्यान अब अपना वोट बैंक सुरक्षित करने पर केंद्रित है और दूसरी ओर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.
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