Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव जंगल को लेकर विवाद फिर शुरू हो गया है। सर्व आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि ”दो कोयला परियोजनाओं को शुरू करने के लिए जंगल में पेड़ों की कटाई (Hasdeo Forest) की जा रही है।” सर्व आदिवासी समाज ने हसदेव जंगल और पेड़ों को बचाने के लिए जंगल की रखवाली भी शुरू कर दी है।
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि पेड़ों की कटाई रोकने की कोशिश कर रहे गांव के लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।” जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों को उदयपुर, लखनपुर भेज दिया गया है।
हसदेव जंगल काटने का आरोप
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि “हमारे लोग देर रात जंगल की रखवाली करने गए थे। गांव के लोग पेड़ों की रखवाली के लिए बड़ी (Hasdeo Forest) संख्या में वहां पहुंच गए। पुलिस ने बिना किसी कारण के कई लोगों को हिरासत में ले लिया। 24 से अधिक लोग पुलिस हिरासत में हैं।
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: गिरफ्तार किए गए लोगों के साथ बच्चे भी हैं। कई तो शिशु भी हैं। सभी लोगों को बसों में भरकर उदयपुर और नजदीकी लखनपुर थाने भेजा गया है। भारी पुलिस बल तैनात कर कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है।’
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: जब हमने डीएफओ से पेड़ काटने का आदेश मांगा तो उनके पास समय नहीं था। गुरुवार देर रात से ही पुलिस घाट बर्रा, हरिहरपुर, परसा से ग्रामीणों को (Hasdeo Forest) उनके घरों से उठा रही है, यहां तक कि छोटे बच्चों की माताओं को भी उठा ले गई है।
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: उन्हें नजदीकी थाने उदयपुर, लखनपुर, सीतापुर, लुंड्रा, दरिमा ले जाकर रखा गया है। उनका अपराध क्या है, किस कानून के तहत उन्हें जेल में (Hasdeo Forest) डाला जा रहा है। अब आखिरी विकल्प यही है कि हम मुकदमा लड़ें हथियार.” – अनूप प्रताप टेकाम, सर्व आदिवासी समाज
पुलिस कार्रवाई से ग्रामीण नाराज: ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी अपराध के कई लोगों को हिरासत में लेकर दूसरे थानों में भेज दिया गया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अगर वनों की कटाई का काम नहीं रुका तो वे भी हथियार उठाने को मजबूर होंगे. पेड़ों की कटाई की खबर मिलने के बाद ग्रामीण जंगल की ओर जाने लगे हैं.
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest:वनों की कटाई की आशंका है. हम जंगल की ओर जा रहे हैं. अगर वनों की कटाई हुई तो हम उन्हें जंगल काटने से रोकेंगे. हम लाठी लेकर जा रहे हैं. देखते हैं क्या होता है”. – स्थानीय ग्रामीण
कोल परियोजना है विवाद की वजह
सरगुजा और कोरबा की सीमा पर हसदेव अरण्य में कई कोल परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. बताया जा रहा है कि कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है. हसदेव जंगल के आसपास रहने वाले लोगों (Hasdeo Forest) का आरोप है कि परियोजना के नाम पर जंगल काटे जाएंगे. वनों की कटाई के कारण वे विस्थापित भी होंगे.
Chhattisgarh Surguja Wood felling in Hasdeo Forest: हवा और पानी दोनों पर असर पड़ेगा. लंबे समय से ग्रामीण एकजुट होकर कोयला परियोजनाओं के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज के आंदोलन और उनके आरोपों पर प्रशासन का पक्ष अभी तक सामने नहीं आया है।
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